बीमार पति के शुक्राणु संरक्षित करने की दी मंजूरी, पत्नी की याचिका पर केरल हाईकोर्ट का अहम फैसला
तिरुवनंतपुरम: केरल हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में बीमार व्यक्ति के शुक्राणु उसके शरीर से निकालने और उन्हें संरक्षित करने की मंजूरी दे दी है। दरअसल एक महिला ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उसके बीमार पति के शुक्राणु संरक्षित करने की मंजूरी देने की मांग की थी। महिला अपने पति के संरक्षित शुक्राणुओं से सहायक प्रजनन तकनीक की मदद से गर्भधारण करना चाहती है।
क्या कहा उच्च न्यायालय ने
न्यायमूर्ति वी जी अरुण ने महिला की याचिका पर उसके पति के शुक्राणु शरीर से निकालने और उन्हें संरक्षित करने की मंजूरी दे दी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में पति की इजाजत लेने से भी छूट दे दी क्योंकि महिला के वकील ने बताया कि उसके पति की हालत बेहद गंभीर है और वह इस स्थिति में नहीं है कि अपनी लिखित मंजूरी दे सके और अगर देरी हुई तो कुछ भी बुरा हो सकता है। गौरतलब है कि देश में सहायक प्रजनन तकनीक रेगुलेशन कानून है, जिसके तहत प्रजनन कोशिकाओं को संरक्षित करने के लिए व्यक्ति की मंजूरी जरूरी होती है।
कोर्ट ने अस्पताल को व्यक्ति के शुक्राणु संरक्षित करने की मंजूरी दे दी, लेकिन अभी उन शुक्राणुओं से महिला के गर्भधारण करने संबंधी कोई आदेश नहीं दिया है। अदालत ने 16 अगस्त को इस संबंध में आदेश दिया। हाईकोर्ट इस मामले पर 9 सितंबर को फिर से सुनवाई करेगा।