गौरी लंकेश हत्याकांड के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के आरोपी को राहत मिली है। दरअसल, शीर्ष अदालत ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ कविता लंकेश की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उनकी बड़ी बहन गौरी लंकेश की हत्या के मामले में आरोपी को जमानत दी गई थी।
हम हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते: शीर्ष अदालत
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और एससी शर्मा की पीठ ने कहा कि आरोपी मोहन नायक ने कार्यवाही में ट्रायल कोर्ट के साथ सहयोग किया है और उसने किसी स्थगन की मांग नहीं की है। अदालत ने कहा कि किसी भी हालत में हम हाईकोर्ट के दिए आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि, यह भी निर्देश दिया जाता है कि ट्रायल कोर्ट तेजी से ट्रायल का संचालन करेगा और सभी पक्ष ट्रायल कोर्ट के साथ सहयोग करेंगे।
पीठ ने कहा, ‘यह बिना कहे ही स्पष्ट है कि यदि प्रतिवादी सहयोग नहीं करता है या अनावश्यक स्थगन की मांग करता है या किसी शर्त का उल्लंघन करता है तो कर्नाटक राज्य या शिकायतकर्ता जमानत रद्द करने के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र होगा। यदि ऐसा कोई आवेदन दायर किया जाता है तो उस पर उसके गुण-दोष के आधार पर और कानून के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।’
क्या है मामला?
पांच सितंबर, 2017 को गौरी लंकेश की दक्षिण बंगलूरू में उनके आवास के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। नायक को 18 जुलाई, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश ने कर्नाटक हाईकोर्ट के पिछले साल सात दिसंबर के जमानत आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जो आरोपी नायक के खिलाफ था। जमानत देते समय हाईकोर्ट ने इस बात को ध्यान में रखा था कि नायक पिछले पांच वर्षों से जेल में है और 527 आरोपपत्रित गवाहों में से अब तक 90 से पूछताछ की जा चुकी है।