सिपाही बनने की चाह में छोड़ दी नौकरी, वर्दी पहनने का सपना पूरा करने को जागीं रातें
मुरादाबाद: वर्दी पहनने का सपना पूरा करने के लिए पिछले कई महीनों से दिन-रात कड़ी मेहनत की। यह अंतिम अवसर है। अगर इस बार भी चयन नहीं हुआ तो फिर दोबारा मौका नहीं मिला। हालांकि, इस बार पेपर अच्छा हुआ है और चयन की उम्मीद है। सिपाही भर्ती परीक्षा देकर निकले कई युवाओं ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि यह हमारा अंतिम मौका है। अब परीक्षा देने की उम्र पूरी हो चुकी है। बिजनौर से आए अभ्यर्थी विनीत कुमार ने महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र से बाहर आते ही खुशी जताई। विनीत ने बताया कि उनके तीन भाई और एक बहन है। वे सबसे बड़े हैं। पिता खेती करते हैं।
विनीत ने बताया कि 18 फरवरी को हुई परीक्षा ठीक नहीं हुई थी। मैंने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन भर्ती रद्द होने से दोबारा परीक्षा देने का मौका मिला। इसके बाद पिछले छह माह से दिन-रात मेहनत कर रहा हूं। यह मेरा सिपाही भर्ती के लिए अंतिम मौका है।विनीत की तरह बरेली निवासी राजकुमार का कहना है कि अब मेरी उम्र अधिक हो चुकी है। जब यूपी पुलिस में सिपाही बनने के लिए फार्म भरा था, तब मैं इसके लिए योग्य था। मैंने अंतिम मौका मानकर ही परीक्षा की तैयारी है। परीक्षा अच्छी हुई है।
राजकुमार ने सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियां को देखकर बताया है कि इस बार परीक्षा में गड़बड़ी की कोई आशंका है। बदायूं के सर्वेश मिश्रा ने कहा कि अगर कोई गड़बड़ी नहीं हुई तो इस बार सपना पूरा होने की पूरी उम्मीद है।
सिपाही बनने की चाह में छोड़ी नौकरी
आरएन इंटर कॉलेज में दूसरी पाली की परीक्षा देने के बाद बाहर निकले मेरठ के सुखपाल सिंह ने बताया कि वह फैक्टरी में नौकरी करते थे। परीक्षा की तैयारी करने के लिए नौकरी छोड़ दी थी। पेपर अच्छा हुआ। उम्मीद है कि इस बार परिवार के सपने पूरे हो जाएंगे। इसी सेंटर पर हापुड़ के विजय चौहान ने परीक्षा दी।
उसका कहना है कि कई परीक्षाएं दे चुका हूं, लेकिन सफल नहीं हुआ। मेरी शादी हो चुकी और दो बच्चे भी हैं। इस परीक्षा में पास हुआ तो अपना और परिवार का सपना पूरा करने के लिए दौड़ की तैयारी शुरू कर दूंगा। अमरोहा की स्वाति का कहना है कि शादी के बाद पति ने साथ दिया और दोबारा परीक्षा की तैयारी की है। पेपर अच्छा हुआ।