अदाणी विल्मर के संयुक्त उद्यम से बाहर निकलेगी अदाणी एंटरप्राइजेज, दो अरब डॉलर से अधिक जुटाने का लक्ष्य

अरबपति गौतम अदाणी के समूह ने सोमवार को एफएमसीजी संयुक्त उद्यम अदाणी विल्मर से बाहर निकलने का एलान किया। समूह ने अपनी पूरी हिस्सेदारी सिंगापुर के साझेदार को खुले बाजार में करीब दो अरब डॉलर में बेच दी है। अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोपों में केस दर्ज होने के बाद समूह ने यह पहला बड़ा सौदा किया है।

फॉर्च्यून ब्रांड के कुकिंग ऑयल, गेहूं का आटा और अन्य खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी अदाणी विल्मर लिमिटेड में 43.94 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने एक बयान में कहा कि वह विल्मर इंटरनेशनल को कंपनी की 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी खुले बाजार में बेची जाएगी।

अदाणी एंटरप्राइजेस 12,314 करोड़ रुपये (शेयर की कीमत 305 रुपये प्रति शेयर से अधिक नहीं होगी) में 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी विल्मर को बेचेगी। ओएफएस के माध्यम से शेयर बिक्री के बाद कंपनी को कुल दो अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 17,100 करोड़ रुपये) से अधिक की आय होगी।

सौदे के बाद अदाणी विल्मर से पूरी तरह से बाहर होगी अदाणी एंटरप्राइजेज
बयान में कहा गया है, “इसके साथ ही एईएल (अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड) अदाणी विल्मर लिमिटेड से पूरी तरह बाहर हो जाएगी। अदाणी के नामित निदेशक अदाणी विल्मर लिमिटेड के बोर्ड से हट जाएंगे।” यह लेनदेन 31 मार्च 2025 से पहले पूरा होने की उम्मीद है।

सौदे से हुई आमदनी का इस्तेमाल एईएल के विकास को गति देने के लिए होगा
हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग मुख्य अवसंरचना व्यवसायों में एईएल के विकास को गति देने के लिए किया जाएगा। इस लेन-देन के साथ, अदानी ने धमाकेदार वापसी की है, जिससे लिक्विडिटी की धारणा पर लगाम लग गई है। नवंबर में अमेरिकी संघीय अभियोजकों द्वारा संस्थापक अध्यक्ष गौतम अदाणी और उनके सहयोगियों पर अक्षय ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध जीतने के लिए 265 मिलियन अमरीकी डालर की रिश्वतखोरी योजना के लिए आरोप-पत्र दाखिल किए जाने के बाद यह पहला बड़ा लेन-देन है। अदाणी समूह ने आरोपों को निराधार बताते हुए इनकार किया है और कहा है कि वह इस मामले में अपने सभी कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करेगा।

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