हवा में विमान का दरवाजा टूटने की खौफनाक घटना के बाद जागा प्रशासन, गोद में बच्चों को बैठाने पर अलर्ट
अमेरिका में पांच जनवरी को अलास्का एयरलाइंस के विमान के साथ बीच हवा में खौफनाक घटना सामने आई थी। इस विमान की एक खिड़की और फ्यूजलेग हवा में निकल गए थे। इससे उसमें सवार 171 यात्रियों की जान पर संकट बन आया था। इसके बाद इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। डरावनी घटना के बाद एक असुरक्षित बच्चे के साथ क्या हो सकता है, इस बात को लेकर डर पैदा हो गया है। शीर्ष अमेरिकी हवाई सुरक्षा अधिकारी सख्ते में आ गए हैं। वह एक के बाद एक अलर्ट जारी कर रहे हैं। अब उन्होंने छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक चेतावनी दी है।
माता-पिता के लिए चेतावनी
राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड के अध्यक्ष जेनिफर ने माता-पिताओं से उड़ान भरते समय अपने बच्चों की सुरक्षा पर भी ध्यान देने की बात कही है। उन्होंने आग्रह किया है कि अभिभावक उड़ान भरते समय अपने शिशुओं के लिए सीटें और एफएए-अनुमोदित वाहक खरीदें।
वहीं, जेनिफर ने जोर देकर कहा कि उड़ान के दौरान छोटे धक्कों से भी चोटें लग सकती हैं, इसलिए बच्चों को गोद में बैठाने की बजाय उन्हें सुरक्षित सीट पर बैठाया जाना चाहिए। इसके लिए एयरलाइंस रुपये ले सकती हैं। लेकिन कम से कम बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से तो सही रहेगा।
यह है खौफनाक घटना
अमेरिका में पांच जनवरी को अलास्का एयरलाइंस के जिस विमान का दरवाजा बीच हवा में टूटा था, उसमें घटना के वक्त 171 यात्री और चालक दल के छह लोग सवार थे। एयरलाइंस की फ्लाइट ने पोर्टलैंड इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही विमान के क्रू को विमान में हवा के दबाव की स्थिति का सामना किया। इसके कुछ देर बाद ही विमान का विंडो पैनल टूट गया। यह विमान का इमरजेंसी एग्जिट डोर था, जिसके बाद विमान की वापस पोर्टलैंड एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिग कराई गई थी। बताया जा रहा है कि, बोइंग 737 में सवार तीन यात्रियों ने सीटबेल्ट नहीं पहन रखी थी। राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड के अध्यक्ष जेनिफर ने रविवार को बताया कि विमान में तीन बच्चे देखभाल करने वालों की गोद में थे।
दो साल से कम उम्र के बच्चे…
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, दो साल से कम उम्र के बच्चे मुफ्त में उड़ान भर सकते हैं और उन्हें अमेरिका में अलग से विमान टिकट की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय, उन्हें अपने माता-पिता या अभिभावक की गोद में बैठाया जा सकता है। यानी बच्चों की सुरक्षा के लिए सिर्फ बड़े लोगों के हाथ हैं।