प्रधानमंत्री मोदी से मिला अमेरिका का द्विदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल, कल दलाई लामा से की थी मुलाकात
नई दिल्ली: भारत दौरे पर आए अमेरिकी संसद के द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा से मुलाकात की थी। पीएम मोदी से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में अमेरिका की संसद में विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैक्कॉल, पूर्व यूएस हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी, ग्रेगोरी मीक्स, मेरिनेटे मिलर मीक्स, निकोल मालियोटाकिस, एमी बेरा और जिम मैकगवर्न शामिल रहे।
अमेरिका ने पारित किया ‘रिजोल्व तिब्बत एक्ट’
गौरतलब है कि अमेरिका की संसद ने ‘रिजोल्व तिब्बत एक्ट’ नामक एक विधेयक पास किया है। यह एक द्विदलीय विधेयक है, मतलब इसे अमेरिकी संसद के दोनों दलों ने मिलकर पेश किया। इस विधेयक के तहत चीन और तिब्बत विवाद का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने की मांग की गई है। साथ ही यह विधेयक अमेरिका के विदेश विभाग को यह अधिकार देता है कि वह चीन के तिब्बत को लेकर भ्रामक दावों का जवाब दे सके और चीन के उस दावे को खारिज कर सके, जिसमें तिब्बत को चीन का प्राचीन काल से हिस्सा बताया गया है। अमेरिका के इस विधेयक ने चीन को नाराज कर दिया है और उसने धमकी दी है कि तिब्बत को अस्थिर करने की कोशिश के जवाब में और चीन की संप्रभुता के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस विधेयक के अमेरिकी संसद से पारित होने के बाद ही अमेरिका का द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत में दलाई लामा से मिलने आया।
हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे भारत, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस
भारत, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस ने चीन की बढ़ती ताकत के बीच एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर काम करने का संकल्प लिया है। बुधवार को दिल्ली में आयोजित तीसरी ‘भारत-फ्रांस-ऑस्ट्रेलिया त्रिपक्षीय फोकल प्वाइंट’ बैठक में हिंद-प्रशांत की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘तीनों पक्षों ने त्रिपक्षीय सहयोग के तीन स्तंभों: समुद्री सुरक्षा और संरक्षण, समुद्री और पर्यावरण सहयोग, और बहुपक्षीय जुड़ाव के तहत की गई प्रगति की समीक्षा की।’
इंडो पैसिफिक महासागर पहल (आईपीओआई) एक खुली, समावेशी, गैर-संधि आधारित, वैश्विक पहल है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2019 में 14वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक समुद्री क्षेत्र को बेहतर ढंग से प्रबंधित, संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए समान विचारधारा वाले देशों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा देना है। वहीं इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (आईओआरए) एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना है। त्रिपक्षीय बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) पीयूष श्रीवास्तव और विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (ओशिनिया और इंडो-पैसिफिक) परमिता त्रिपाठी ने किया। फ्रांसीसी पक्ष का नेतृत्व फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय में निदेशक (एशिया और ओशिनिया) बेनोइट गाइडी ने किया। ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय के दक्षिण और मध्य एशिया प्रभाग की प्रथम सहायक सचिव सारा स्टोरी ने किया।