अदाणी विवाद के बीच शेयर बाजार ने उठाया यह कदम, जरूरी खुलासे न करने पर समूह से मांगा जवाब

शेयर बाजारों ने अमेरिका में कथित रिश्वत मामले और उसके बाद केन्या के हवाईअड्डा विस्तार सौदे को रद्द करने के संबंध में अदाणी समूह की ओर से जरूरी खुलासों से जुड़े मापदंडों के उल्लंघन पर स्पष्टीकरण मांगा है। अमेरिका में शुरू हुए नए विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया में अदाणी समूह की कंपनियों ने गुरुवार को कहा था कि “कंपनी के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया गया है”। अमेरिका में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद केन्या की ओर से हवाई अड्डे के विस्तार और ऊर्जा सौदों को रद्द करने के संबंध में स्पष्टीकरण के लिए समूह ने अब तक शेयर बाजारों को कोई जानकारी नहीं दी है।

हालांकि सेबी अधिकारियों की ओर से इस बारे में अब तक कोई टिप्पणी नहीं की गई, लेकिन विशेषज्ञों ने कहा कि यदि कोई प्रकटीकरण या अन्य उल्लंघन हुआ है तो नियामक को निश्चित रूप से इसकी जांच करनी होगी और आवश्यक कार्रवाई करनी होगी।अरबपति गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य पर अमेरिकी अभियोजकों ने सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन अमरीकी डालर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की एक विस्तृत योजना का कथित रूप से हिस्सा होने का आरोप लगाया है।

इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए दावों के अनुसार अमेरिका में लगे आरोपों के बाद अदाणी समूह एक बार फिर सेबी की जांच के घेरे में है। बाजार नियामक सेबी इस बात की जांच कर रहा है कि अदाणी समूह ने बाजार में होने वाली गतिविधियों के खुलासे के अनिवार्य नियमों का उल्लंघन किया है या नहीं। नियामक ने स्टॉक एक्सचेंजों से इस संबंध में जानकारी देने को कहा है।

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