आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की जगह आधारभूत ढांचे को बढ़ाने में मदद का एलान, मिलेगी वित्तीय सहायता
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को लोकसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया। इस बजट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट बताया। बजट में पहली बार नौकरी पाने वालों को तोहफा दिया गया। शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए भी धन आवंटित किए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आंध्र प्रदेश के लिए भी बड़े एलान किए। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ और आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाएगी।
आंध्र प्रदेश के लिए बजट में एलान करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, “सरकार का आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास किया। बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। चालू वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ और आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध। इससे हमारे देश को खाद्य सुरक्षा में भी सहायता मिलेगी। विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे पर जोर। आर्थिक विकास के लिए पूंजीगत निवेश के लिए एक वर्ष तक अतिरिक्त आवंटन। अधिनियम में रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तर तटी आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान।”
बजट को लेकर कांग्रेस का चंद्रबाबू नायडू पर कटाक्ष
केंद्रीय बजट में आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ की धनराशि देने की घोषणा पर कांग्रेस ने राज्य की चंद्रबाबू नायडू सरकार पर कटाक्ष किया। कांग्रेस ने कहा कि छह महीने पहले आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था। अब वे केवल अमरावती के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर पाए हैं।
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि यह घोषणा करने में 10 साल क्यों लग गए कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में जिसका वादा किया गया था उसे लागू किया जाएगा? उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “2018 में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने में नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की विफलता के कारण चंद्रबाबू नायडू ने राजग छोड़ दिया था। उस नाटक के छह साल बाद ऐसे समय में जब सरकार समर्थन के लिए नायडू के सांसदों पर निर्भर है, वह अमरावती के लिए केवल विशेष वित्तीय सहायता प्राप्त करने में कामयाब रहे हैं।”