आचार संहिता लगते ही सीएम ओएसडी लोकेश को बुलाया गया दिल्ली क्राइम ब्रांच
कथित फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी और प्रदेश कांग्रेस सेंट्रल वॉर रूम के को-चेयरमैन लोकेश शर्मा को एक बार क्राइम ब्रांच ने दिल्ली तलब किया है।
जानकारी के मुताबिक लोकेश शर्मा को मंगलवार सुबह 11 बजे क्राइम ब्रांच के रोहिणी स्थित दफ्तर में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया है। इसे लोकेश शर्मा ने द्वेषतापूर्ण कार्रवाई बताते हुए कहा कि इस नोटिस से यह प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस प्रदेश में आचार संहिता लगने का ही इंतजार कर रही थी। लोकेश शर्मा ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में इसी से जुड़े मामले में 11 अक्टूबर को सुनवाई होनी है, इसके बावजूद दस अक्टूबर को जांच के लिए पेश होने के लिए कहना अनुचित है। लोकेश शर्मा ने कहा कि उन्हें इस मामले में अब तक आठ बार क्राइम ब्रांच की ओर से नोटिस देकर तलब किया जा चुका है। जिसमें से वह 4 बार क्राइम ब्रांच में पेश हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उन्हें परेशान करने के साथ-साथ बदला लेने की कार्रवाई है। गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में 8 अगस्त को सुनवाई टलने से लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर 7 फरवरी तक रोक लगा दी गई थी। वहीं फोन टैपिंग प्रकरण में दिल्ली में मार्च 2021 में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी।
उल्लेखनीय है कि साल 2020 के राजस्थान के सियासी संकट के दौरान राजस्थान की सरकार को विधायकों की खरीद-फरोख्त के जरिए अस्थिर करने की कोशिशों से जुड़े कुछ ऑडियो क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इनमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज होने का दावा किया गया था। इस मामले में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने दिल्ली पुलिस में जनप्रतिनिधियों के फोन टेप करने और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए 25 मार्च 2021 को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस पर एक टीवी न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में लोकेश शर्मा ने कहा था कि जब जिस ऑडियो क्लिप में केंद्रीय मंत्री की आवाज का दावा किया गया है। उसके आधार पर केंद्रीय मंत्री ने जब खुद अपना फोन टैप करने का मामला दर्ज करवाया है। यानी वह खुद इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि संबंधित ऑडियो क्लिप में आवाज उन्हीं की है। ऐसे में उनका ऑडियो सैंपल लेने की जरूरत ही नहीं होनी चाहिए और उन पर कानून सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए।