ऐन चुनाव के वक्त दानिश ने बदला पाला, घमासान के बीच अमरोहा से कांग्रेस के हो सकते हैं प्रत्याशी
बसपा से निलंबन के बाद सांसद दानिश अली ने हाथी की सवारी छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। यह पहला मौका नहीं है, जब दानिश ने चुनाव से पहले पार्टी बदली हो। 2019 में भी लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही उन्होंने जनता दल (एस) छोड़कर बसपा में एंट्री ली थी। इस चुनाव में उन्होंने गठबंधन से बसपा प्रत्याशी के तौर पर भाजपा प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की।
हालांकि अभी यहां से कांग्रेस के टिकट को लेकर उनके लिए घोषणा नहीं हुई है। मूल रूप से हापुड़ के निवासी दानिश अली ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पढ़ाई की। उन्होंने अपना राजनीतिक सफर जनता दल (एस) के साथ शुरू किया। 2019 में दानिश अली जनता दल (एस) को छोड़कर बसपा में शामिल हो गए।
जिसके बाद वह अमरोहा से टिकट लेने में कामयाब रहे। इस चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन हुआ तो यह सीट बसपा के खाते में आई। जिसका फायदा दानिश अली को पहुंचा। उन्होंने इस चुनाव में भाजपा के कंवर सिंह तंवर को हराया था। इसके बाद उनका कद बसपा में काफी बढ़ गया था।
उधर, 2024 लोकसभा चुनाव की आहट के पहले ही उनका कांग्रेस के प्रति प्रेम बढ़ने लगा। राहुल गांधी से नजदीकियां बढ़ने पर उनके कांग्रेस में आने के कयास लगाए जाने लगे। इस बीच दिसंबर 2023 में बसपा हाईकमान ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। जिसके बाद वह कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के अलावा अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुए।