BJP ने घटना को निर्भया-2 बताया, कहा- मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को तृणमूल का संरक्षण
कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना पर भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी ने इस घटना की तुलना दिल्ली के निर्भया कांड से करते हुए इसे निर्भया-2 करार दे दिया। वहीं भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि घटना में जिस तरह अपराधियों को संरक्षण दिया गया, वह और भी अधिक दुखद है। जिस तरह से (आरजी कर के) प्रिंसिपल को 24 घंटे के भीतर किसी अन्य कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है, वह बंगाल सरकार के संरक्षण को दर्शाता है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “यह बंगाल सरकार द्वारा की गई जांच पर संदेह पैदा करता है। आज, मैं पूछना चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल की सीएम को उस प्रिंसिपल के प्रति सहानुभूति क्यों है… मेरा टीएमसी सरकार से सीधा सवाल है कि इतने दिन क्यों दिए जा रहे हैं। क्या यह हेरफेर के लिए है? ये हम संदेशखाली घटना में देख चुके हैं..जांच को देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी (सीबीआई) को क्यों स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है? INDIA गठबंधन के सभी लोग जिस तरह से मिले हुए हैं, कहां गई प्रियंका गांधी जो कहती थी कि लड़की हूं लड़ सकती हूं उनके होंठ सिले हुए हैं।”
वहीं भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, “बंगाल में ममता बनर्जी और टीएमसी की निगरानी में जो हो रहा है वह निर्भया पार्ट-2 से कम नहीं है। यह जाहिर है कि यह एक दुष्कर्म नहीं, बल्कि सामूहिक दुष्कर्म का मामला है। सबूत यही इशारा करते हैं। लेकिन सिर्फ एक आरोपी को पकड़ा गया है। बाकी सभी आरोपी टीएमसी से जुड़ाव की वजह से संरक्षित हैं। टीएमसी सरकार की जांच समिति में वो लोग हैं, जो कि तृणमूल के करीबी हैं। तो बंगाल सरकार कुछ छिपाना चाह रही है।”
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल की दूसरी नियुक्ति पर बवाल
गौरतलब है कि इस मामले में विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने सोमवार सुबह त्यागपत्र दे दिया। लेकिन उन्हें कलकत्ता राष्ट्रीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (सीएनएमसी) में स्थानांतरित कर दिया गया। इसे लेकर जूनियर चिकित्सकों, प्रशिक्षुओं और अन्य कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया और सीएनएमसी में स्थानांतरण किए जाने पर विरोध जताया और सोमवार रात को ‘चैंबर’ के दरवाजे पर ताला जड़ दिया।