महाकुंभ में हुए हादसे से संबंधित तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाएं, अब 19 फरवरी को होगी सुनवाई

प्रयागराज:  महाकुंभ में माैनी अमावस्या पर हुए हादसे में जाने गंवाने वाले और लापता श्रद्धालुओं की सही जानकारी के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें सरकार पर सही जानकारी नहीं देने का आरोप लगाते हुए न्यायिक निगरानी समिति गठित करने की मांग की गई है। अब इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को मामले में आवश्यक तथ्य और रिकाॅर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, जिसके आधार पर सरकार से जवाब तलब किया जा सके।

हाईकोर्ट में सुरेश चंद्र पांडेय की ओर से दायर जनहित याचिका में मृतक व लापता लोगों का विवरण एकत्र करने के लिए न्यायिक निगरानी समिति गठित करने की मांग की गई है। साथ ही अनुरोध किया गया है कि जांच समिति की जानकारी प्रमुख और क्षेत्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया जाए, ताकि लोग घटना के संबंध में समिति को जानकारी दे सकें। साथ ही मांग की गई है कि मुख्य चिकित्साधिकारी महाकुंभ और मुख्य चिकित्साधिकारी प्रयागराज को घायलों और मृतकों के संबंध में रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाए।

याचिका पर अधिवक्ता ने दलील दी कि सरकार की ओर से गठित जांच आयोग का दायरा बहुत सीमित है। आयोग के जांच के दायरे में लापता लोगों का पता लगाने तथा घटना में कितने लोगों की मृत्यु हुई शामिल नहीं है। यह भी दलील दी गई कि सरकार स्नानार्थियों की संख्या की जानकारी तो शीघ्रता से देती है, लेकिन मृतकों की संख्या बताने में 18 घंटे लग गए। इस पर कोर्ट ने कहा कि याचिका मूलत: कुछ रिपोर्टों पर आधारित है, लेकिन किसी भी रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर नहीं रखा गया है। याचिका में दिए गए कथनों के अलावा साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।

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