गिनी के पूर्व तानाशाह कैमारा को मिली माफी, 2009 के नरसंहार के लिए काट रहे थे 20 साल की सजा

गिनी के सत्तारूढ़ जुंटा ने पूर्व तानाशाह मूसा ‘दादिस’ कैमारा को माफ कर दिया है। वे 2009 में सेना द्वारा किए गए स्टेडियम नरसंहार के लिए 20 साल की सजा काट रहे थे। इस नरसंहार में कम से कम 157 लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया था। इस अपराध के लिए दोषी पाए जाने पर जुलाई 2024 में कैमारा को सजा सुनाई गई थी।

एक बयान के अनुसार, तख्तापलट करने के एक साल बाद जब प्रदर्शनकारी स्टेडियम में राष्ट्रपति पद के लिए कैमारा की योजना का विरोध कर रहे थे, तब सैनिकों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। उस समय जुंटा ने कहा था कि सेना के ‘अनियंत्रित’ तत्वों ने दुष्कर्म और हत्याओं को अंजाम दिया। हालांकि, ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में कहा गया है कि जब स्टेडियम में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गईं, तब कैमारा के करीबी सहयोगी वहां मौजूद थे और उन्होंने इस नरसंहार को रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

महिलाओं को घसीटकर बाहर निकाला, कई दिनों तक किया सामूहिक दुष्कर्म
गवाहों के अनुसार, नरसंहार के दौरान कई पीड़ितों को गोली मार दी गई। कुछ को चाकू घोंपकर मारा गया। इस दौरान कुछ महिलाएं छिप गईं, लेकिन उन्हें वहां से घसीटकर बाहर निकाला गया और सेना ने कई दिनों तक उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। नरसंहार से जिंदा बचे लोगों ने बताया कि कैमारा के राष्ट्रपति गार्ड ने स्टेडियम को घेर लिया और निकास द्वार को बंद कर दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की गई, जिससे वह बच नहीं पाए। पीड़ितों के परिवारों को शव लेने आने में कई दिन लगे। इतना ही नहीं, कई लोगों को उनके संबंधी कभी नहीं मिले।

कैमारा ने अदालत में कहा- नरसंहार के समय वह सो रहे थे
नरसंहार के कुछ महीनों बाद, कैमारा निर्वासन में चले गए, लेकिन एक दशक बाद वह गिनी लौट आए। मामाडी डौंबौया के नेतृत्व वाली मौजूदा जुंटा ने सितंबर 2021 में सत्ता पर कब्जा कर लिया। अदालत में अपने पहले दिन कैमारा ने दलील दी कि वह अपनी देशभक्ति के कारण वापस लौटे। उन्होंने कहा कि नरसंहार के समय वे सो रहे थे।

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