मुख्यमंत्री सुक्खू बोले- बदलाव के लिए लेने पड़ते कड़े फैसले, कई बार मंत्री हो जाते हैं नाराज

कांगड़ा:  मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हम सत्ता सुख के लिए नहीं आए हैं। बदलाव के लिए कड़े फैसले लेने पड़ते हैं। कड़े फैसलों से कई बार मंत्रियों और विधायकों में नाराजगी हो जाती है। जनता और समाज हित में जब फैसले लिए जाते हैं, तब थोड़े-बहुत विवाद होते हैं। हालांकि, कड़े फैसलों का स्वाद मीठा होता है। फिर दोहराया कि हिमाचल साल 2027 तक आत्मनिर्भर बनेगा और 2032 तक समृद्धशाली राज्य बनेगा। सीएम मंगलवार को देहरा में सीएम कार्यालय के उद्घाटन के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

कहा कि पौंग बांध विस्थापित जो 40-50 सालों से सरकारी भूमि पर रह रहे हैं, उनकी समस्याओं को हल करने के लिए सरकार प्रयासरत है। बनखंडी में बन रहे जू में पानी की योजना के लिए साढ़े 4 करोड़ स्वीकृत कर दिए गए हैं। कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के तौर पर विकसित कर रहे हैं। देहरा में एक बढ़िया होटल बनाने जा रहे हैं, जिसके लिए शीघ्र फंड स्वीकृत होगा। देहरा को पर्यटन की दृष्टि से भी संवारने के लिए 100 करोड़ का प्रोजेक्ट जल्द ही यहां शुरू किया जाएगा। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर मुबारिकपुर से रानीताल तक फोरलेन करने की बात की थी। इसके लिए उन्होंने कंसल्टेंसी बना दी है। जवाली विस क्षेत्र में एक 66 करोड़ के पुल की स्वीकृति दी है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जब मंत्रियों की बैठक होती है तो कई सुझाव मिलते हैं और बजट की तैयारी की जाती है। कई सालों से यही चलन रहा है। हम इसमें भी व्यवस्था परिवर्तन करके आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधूरे भवनों का कार्य जो पिछले कई सालों से चल रहा है, उनकी सरकार स्टडी कर रही है। हम इस दिशा में भी मूलभूत परिवर्तन करेंगे। हमने प्रदेश की 75 लाख की जनसंख्या को क्वालिटी देनी है।

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