अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, ताइवान की सीमा के पास फिर भेजे सैन्य विमान और जहाज
चीन और ताइवान के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। बीजिंग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक बार फिर चीनी सेना ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। हालांकि, ताइवान की सेना ने भी इसका जवाब दिया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के छह विमान, छह नौसेनिक जहाज और चार तटरक्षक जहाज ताइवान की सीमा के करीब देखे गए।
एक ड्रोन ने रेखा की पार
ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने बताया कि गुरुवार सुबह छह बजे से शुक्रवार छह बजे तक ताइवान के आसपास चीनी सैन्य विमान और नौसैनिक जहाजों को देखा गया। एक चीनी ड्रोन को ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) के दक्षिण-पश्चिम देखा गया, जबकि एक पीएलए हेलीकॉप्टर दक्षिण-पश्चिम में देश के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) के अंदर घुसने की कोशिश की। इसके जवाब में ताइवान ने चीन की गतिविधि की निगरानी के लिए विमान, नौसैनिक जहाजों और वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को तैनात किया।
क्या है ग्रे जोन रणनीति?
अब तक चीन ने सीधे ताइवान पर आक्रमण नहीं किया है, लेकिन वो ये सब कुछ ग्रे जोन में करता है। ये चीन की सेना का एक पैंतरा है, जिससे वो सीधे युद्ध तो नहीं करती लेकिन ये शक्ति प्रदर्शन करती है। ग्रे जोन का मतलब है कि कोई देश सीधा हमला नहीं करता है लेकिन इस तरह का डर हमेशा बनाए रखता है। सीधे सैन्य कार्रवाई की जगह, ऐसी कई चीजें होती रहती हैं, जिनसे हमले का डर बना रहता है। ताइवान के साथ चीन यही कर रहा है। चीन सितंबर 2020 से ‘ग्रे जोन’ रणनीति का अधिक बार उपयोग कर रहा है।
जानकारों का कहना है कि ग्रे जोन युद्ध रणनीति दरअसल, एक तरीका है, जिससे लंबी अवधि में धीरे-धीरे प्रतिद्वंद्वी को कमजोर कर दिया जाता है और चीन ताइवान के साथ ठीक यही करने की कोशिश कर रहा है।
403 चीनी सैन्य विमानों को भेज चुका है चीन
पिछले महीने करीब 403 चीनी सैन्य विमानों और करीब 243 नौसैनिक/तटरक्षक जहाजों ने ताइवान में घुसने की कोशिश की थी। ताइवान पर कभी शासन नहीं करने के बावजूद चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी इसे अपने क्षेत्र का हिस्सा मानती है।