हरियाणा में सतर्क हुई कांग्रेस, वजह जानकर लोग हुए हैरान

जब पिछले शनिवार को राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर चल रहा था, ठीक उसी समय पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने नाटकीय अंदाज में पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। ऐसे में पार्टी ने अब अपना ध्यान पड़ोसी हरियाणा पर केंद्रित कर दिया है जहां नए अध्यक्ष के बाद से बगावती सुर बाहर आने लगे हैं। सुनील जाखड़ ने पार्टी से अपना पांच दशक रिश्ता तोड़ते हुए अपने “अंतिम संबोधन” में कहा था, “गुड लक और गुडबाय, कांग्रेस।”

अपनेपंजाब समकक्ष की तरह, हरियाणा में भी कांग्रेस इकाई गुटबाजी और कलह से घिरी हुई है। उदाहरण के लिए हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई को ही ले लें, जिन्होंने 27 अप्रैल को सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी व्यक्त की थी, जब पार्टी आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के करीबी वफादार उदय भान को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया था।

नेतृत्व की भूमिका की चाह रखने वाले, पूर्व सांसद बिश्नोई ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि वह “नाराज” हैं, क्योंकि उन्हें एचपीसीसी के आला अधिकारियों के बीच जगह नहीं मिली। उसके बाद से उनका राज्य पार्टी नेतृत्व के साथ टकराव बना हुआ है।

 

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