कांग्रेस हारी, कांग्रेसी खुश, कार्यकर्ता बोले- लंबे समय बाद मिली शांति

नई दिल्ली : कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार गई है। वह लगातार तीसरी बार शून्य पर अटकती दिखाई दे रही है। लेकिन इसके बाद भी कांग्रेसी कार्यकर्ता खुश हैं। कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि बहुत दिनों बाद उन्हें खुशी की खबर मिली है। इतनी खुशी तो तब भी नहीं हुई थी जब पार्टी ने हिमाचल-तेलंगाना में अपनी सरकार बनाई थी। एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि केजरीवाल की हार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को सच्ची श्रद्धांजलि है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि पार्टी की गिरावट का सबसे बड़ा कारण केजरीवाल रहे हैं जिन्होंने अपने आधारहीन आरोप लगाकर कांग्रेस नेताओं की छवि खराब करने का काम किया था।

एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने लिखा है कि केजरीवाल ने जो झूठ का महल बनाकर अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी, आज वे उसी महल के नीचे दब गए। एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने स्वाती मालीवाल की मुख्यमंत्री आवास में हुई पिटाई का उल्लेख करते हुए लिखा है कि केजरीवाल को महिलाओं का अपमान भारी पड़ा। एक अन्य यूजर ने लिखा है कि दिल्ली की आपदा टल गई, अब पंजाब की बारी है।

एक कांग्रेस नेता ने लिखा है कि उनकी पार्टी ने दिल्ली में अपना काम कर दिया। केजरीवाल बहुत हवा में उड़ रहे थे. कांग्रेस ने उनका इलाज कर दिया। कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी इस अर्थ में महत्त्वपूर्ण है कि कांग्रेस नेता भले ही हार गए, लेकिन ज्यादातर सीटों पर वही केजरीवाल का हार का कारण बन गए।

दरअसल, 2012-13 में जब केजरीवाल ने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी, उन्होंने कांग्रेस और यूपीए के नेताओं पर ही आरोप लगाकर अपनी राजनीतिक जमीन बनाई थी। कांग्रेस का वोट बैंक छिटककर एक बार में आम आदमी पार्टी के पास आ गया था। इससे आम आदमी पार्टी दिल्ली में अजेय हो गई। इसके अलावा, केजरीवाल ने कांग्रेस से न केवल पंजाब छीना, बल्कि उनके कारण गोवा-गुजरात में भी पार्टी को नुकसान हुआ।

‘पंजाब में भी खत्म होगी आम आदमी पार्टी, होगी कांग्रेस की जीत’
पंजाब से कांग्रेस कार्यकर्ता मंजीत सिंह से कहा कि दिल्ली मॉडल ध्वस्त हो गया है। अब पंजाब की बारी है। उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी को गलती से अवसर मिल गया था। तत्कालीन कांग्रेस नेताओं की आपसी फूट ने उन्हें अवसर दे दिया था। लेकिन अब समय बीत चुका है और यह तथ्य सामने आ चुका है कि केजरीवाल ने देशविरोधी ताकतों के साथ हाथ मिलाया था। पंजाब की जनता राज्य को एक बार फिर अस्थिरता के दौर में नहीं जाने दे सकती। उन्होंने कहा कि हम पंजाब में दुबारा जीत हासिल करेंगे।

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