मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, रक्षाबंधन के साथ हुए अद्भुत संगम ने बढ़ाया महत्व
लखनऊ: सोमवार से सावन खत्म हो रहा है। सावन के अंतिम सोमवार पर भक्तों की भीड़ प्रमुख शिव मंदिरों में उमड़ी। इस बार का सुखद संयोग यह रहा कि सावन की शुरुआत भी सोमवार से हुई थी और महीने का समापन भी सोमवार को हुआ। रक्षाबंधन और सावन का सोमवार एक दिन पड़ने से यह सुखद संयोग भक्तों को अच्छा लगा। लखनऊ के मनकामनेश्वर मंदिर में भोर से ही भक्तों की भीड़ सुबह से जमा हो गई। मंदिरों में यह कतारें देर तक देखने को मिलीं। मनकामनेश्वर मंदिर के अलावा दूसरे मंदिरों में भी भक्त की यह कतारें दिखीं।
आज रक्षा सूत्र से होगा भोलेनाथ का शृंगार
सावन की पूर्णिमा इस वर्ष सोमवार को ही पड़ रही है। इसी दिन सावन का आखिरी सोमवार भी है। इस विशेष संयोग के अलावा रक्षाबंधन भी इसी दिन है। शिव मंदिरों में यह दिन खास तौर पर मनाया जाएगा। मनकामेश्वर महंत देव्यागिरि ने बताया कि भोलेनाथ को रक्षा सूत्र बांधा जाएगा। साथ ही शाम को महाआरती से पूर्व भगवान भोलेनाथ का राखियों से शृंगार होगा। राजेन्द्रनगर स्थित महाकाल मंदिर में रविवार को भंडारा लगा। सावन के आखिरी सोमवार को होने वाली महाआरती की तैयारियां भी दिनभर चलीं। अतुल मिश्रा ने बताया कि इस खास दिन के लिए तैयार चांदी का छत्र और चांदी के मुकुट से महाकाल सजेंगे। ठाकुरगंज स्थित कल्याणगिरि मंदिर, सदर स्थित द्वादश ज्योर्तिलिंग मंदिर, छोटा व बड़ा शिवाला में भी सावन के आखिरी सोमवार को विशेष आयोजन होंगे।
दोपहर 1:30 बजे तक भद्रा, इसके बाद ही बंधवाएं राखी
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल व पंडित धीरेंद्र पांडेय के मुताबिक, श्रावण पूर्णिमा को भद्रामुक्त काल में राखी बांधनी चाहिए। इस साल का संयोग भी अद्भुत है। सोमवार को श्रावण मास की समाप्ति हो रही है। इसी दिन सावन का आखिरी सोमवार है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, पूर्णिमा सोमवार को भोर में 3:04 मिनट पर शुरू होगी, जो रात 11:55 बजे समाप्त होगी। जबकि भद्राकाल सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा। इसके बाद ही राखी बांधना शास्त्र सम्मत है। राखी भद्राकाल समाप्त होने के बाद से रात 8:52 बजे तक बांधी जा सकेगी।