बीमार मां के लिए हरिद्वार से पैदल 30 लीटर गंगाजल ला रही बेटी, माता-पिता के लिए बेटे बने ‘श्रवण’
मेरठ: माता-पिता की भक्ति का स्मरण आते ही मस्तिष्क के कैनवास पर श्रवण कुमार का चित्र उभर कर आ जाता है। ऐसी ही अगाध श्रद्धा इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान देखने को मिल रही है। फर्क सिर्फ इतना है कि श्रवण कुमार की जगह एक युवती है। उसका नाम है निशा। उसके कांधे पर कावंड़ है, लेकिन इस कांवड़ में माता-पिता की जगह तीस लीटर गंगाजल है। वह पूर जज्बे के साथ हरिद्वार से लोनी की पैदल यात्रा कर रही है।
दरअसल, निशा की मां गंभीर बीमार हैं। वह तीर्थाटन नहीं कर सकतीं। इसलिए निशा ने हरिद्वार से गंगाजल लाकर मां को उससे गंगा स्नान कराने की ठानी है। आपको सबका नमन है निशा। लोनी गाजियाबाद निवासी निशा चौधरी (35) पैदल कांवड़ ला रही हैं। सोमवार को हाईवे पर पहुंचीं निशा ने बताया कि वह 30 लीटर गंगाजल लेकर हरिद्वार से लोनी जा रही हैं। बताया कि पिता की मृत्यु हो चुकी है और मां अक्सर बीमार रहती हैं।
मां ज्यादा घूम फिर नहीं सकतीं, जिस कारण वह गंगा स्नान के लिए भी नहीं जा पातीं। इस बार वह अपनी मां को गंगा स्नान कराने के लिए कांवड़ लेकर आ रही है। बताया कि शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के बाद वह हरिद्वार से लेकर आई गंगाजल से अपनी मां को स्नान कराएगी।
ये हैं मेरठ के ‘श्रवण कुमार’
माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर हरिद्वार से पैदल ही उसके चार पुत्र अपने गंतव्य को ले जा रहे हैं। माता पिता दोनों बहुत खुश हैं उनकी यह पहली कांवड़ यात्रा है। जनपद मेरठ के गांव डेरिया निवासी सगे चार भाई बिट्टू गुर्जर, यश, नितिन व अमित अपने पिता रणबीर सिंह व माता राजेश देवी के साथ हरिद्वार पहुंचे ओर कांवड़ में उन्हें बैठाया अपने गंतव्य को चल दिए। मुजफ्फरनगर के छपार थानाक्षेत्र के गांव बरला में वे आराम करने के लिए रुके। उनका कहना है कि उनकी पहली कांवड़ यात्रा है, वे अपने गांव पहुंचकर शिव मंदिर में गंगाजल चढ़ाएंगे।