कतर से बहू का आया कॉल… पूर्व सैन्यकर्मी की मौत की सजा पर रोक लगने की सुनकर फफक पड़े पिता
कतर में जिन आठ पूर्व नौसैनिकों को फांसी की सजा हुई थी, उनमें आगरा के कमांडर संजीव गुप्ता भी शामिल हैं। गांधी नगर में संजीव के घर में उनके 90 वर्षीय पिता आरपी गुप्ता को पड़ोसियों ने टीवी चैनलों पर कतर की अदालत के सजा पर रोक की जानकारी दी मगर उन्हें यकीन नहीं हुआ। कतर से बहू का कॉल आया, उसने फैसले की जानकारी दी तो कुछ तसल्ली मिली।
गुप्ता ने बातचीत में बताया कि पुत्रवधू के एक कॉल ने पूरे परिवार को नए साल के शुरू होने से पहले ही राहतभरी खबर दी है। वह रोजाना ही बेटे की रिहाई की प्रार्थना कर रहे थे। आरपी गुप्ता ने कहा कि बस सरकार से यही दरख्वास्त है कि बेटे की जल्द से जल्द रिहाई हो जाए।
यह था मामला
कतर की एक अदालत ने जासूसी के एक कथित मामले में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व सैन्य कर्मियों को दी गई मौत की सजा पर रोक लगा दी है, इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है। मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि कतर की अपीलीय अदालत ने फैसले पर सुनवाई की थी। कतर की अदालत ने अक्टूबर 2023 में मौत की सजा सुनाई थी। दोहा स्थित कंपनी दहरा ग्लोबल के सभी कर्मचारियों, भारतीय नागरिकों को अगस्त 2022 में हिरासत में ले लिया गया था। भारत ने पिछले महीने मौत की सजा के खिलाफ कतर स्थित अपीली अदालत का दरवाजा खटखटाया था।