महरंग बलूच की हिरासत पर फैसला सुरक्षित, बलूचिस्तान हाईकोर्ट में BYC नेता की बहन दायर की थी याचिका

बलूचिस्तान हाईकोर्ट ने बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) नेता महरंग बलूच और अन्य कार्यकर्ताओं की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एजाज अहमद स्वाति और न्यायमूर्ति मोहम्मद आमिर नवाज राणा की दो सदस्यीय पीठ ने की। महरंग बलूच की बहन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने हिरासत को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट से कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की है।
वकीलों की एक टीम ने पेश की दलीलें
हाईकोर्ट में महरंग और अन्य बंदियों की ओर से कामरान मुर्तजा, राहिब बुलेदी, खालिद कुबदानी और अहमद कुर्द सहित वरिष्ठ वकीलों की एक टीम ने दलीलें पेश कीं। वकीलों की टीम ने तर्क दिया कि बीवाई नेता और अन्य कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है। हिरासत आदेश में कानूनी औचित्य का अभाव था, जो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
महाधिवक्ता बशारत की आपत्ति के बाद बढ़ी बहस
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकीलों को संविधान के अनुच्छेद 5 के तहत हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जो देश के प्रति निष्ठा और संविधान तथा कानून का पालन करने से संबंधित है। वकीलों ने हाईकोर्ट के निर्देशानुसार हलफनामा प्रस्तुत कर दिया। हालांकि, सरकार की ओर से महाधिवक्ता अदनान बशारत ने इसके कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई, जिससे बहस और बढ़ गई। हालांकि, हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।