एस्टेरॉयड से होने वाली तबाही,एक सेकेंड में तय करते हैं इतनी दूरी
एस्टेरॉयड से होने वाली तबाही को आप सबने हॉलीवुड फिल्मों में देखा होगा लेकिन रीयल जिंदगी में इनकी टक्कर धरती के किसी हिस्से से हो जाए तो बर्बादी की कल्पना की जा सकती है.
अक्सर हर एक सप्ताह हम एस्टेरॉयड की साइज जैसे बस के बराबर, ट्रक के बराबर, वेंडिंग मशीन के बराबर या जिराफ की साइज के बारे में सुनते रहते हैं, इसके साथ ही सिटी किलर, प्लेनेट किलर भगवान की तबाही के बारे में भी दो चार होते हैं. हालांकि सवाल यह है कि इस तरह के खतरे सिर्फ कहने सुनने के लिए है या वास्तव में खतरा है. करीब 65 मिलियन साल यानी 6.5 करोड़ साल पहले जब एस्टेरॉयड ने धरती को घुटनों पर झुका दिया था. डॉयनसोर का सफाया हो गया .
अगर एस्टेरॉयड की सीधी टक्कर धरती से हो तो असर कितना भयावह होगा इसके बारे में नासा ने अध्ययन किया है. नासा का कहना है कि बड़े एस्टेरॉयड की जगह छोटे की संख्या अधिक है लिहाजा नुकसान उस स्तर का नहीं होगा जिसे बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जाता है. एस्टेरॉयड के छोटे आकार की वजह से धरती से टकराने के बाद नुकसान अधिक नहीं होगा. यही नहीं छोटे आकार की वजह से क्षुद्र ग्रह यानी एस्टेरॉयड वायुमंडल में ही जलकर खत्म हो जाते हैं. जब ये धरती के वायुमंडल में दाखिल होते हैं तो घर्षण की वजह से फायरबॉल में बदल जाते है जिसे आप आग का गोला समझ सकते हैं. जब इनका कुछ हिस्सा पृथ्वी तक आने में कामयाब होते हैं तो उन्हें उल्कापिंड कहा जाता है.
अब सवाल यह है कि आप कितने एस्टेरॉयड की कल्पना कर सकते हैं. एक आंकड़े के मुताबिक प्रत्येक वर्ष करीब चार मीटर साइज वाले क्षुद्र ग्रहों के धरती से टकराने की आशंका बनी रहती है. जैसे जैसे आप धरती के क्षेत्रफल को बढ़ाते जाएं तो टकराने की आशंका और अधिक बढ़ जाती है. 2022 में करीब 126 एस्टेरॉयड धरती के करीब थे और 2023 में अब तक यह आंकड़ा 50 है. अगर आप किसी एस्टेरॉयड के बारे में जिसका व्यास एक किमी से अधिक हो तो ठीक वहीं सिद्धांत लागू होता है जो चार मीटर वाले साइज में होती है