फूलों से सजा धाम, नरमुंड पिशाच बने बाबा के गणों के साथ निकली शोभायात्रा
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण उत्सव पर मंदिर परिसर में महाशिवरात्रि का नजारा दिखा। हर-हर, बम-बम के जयघोष से गंगा के किनारे से लेकर धाम क्षेत्र गूंज रही। वहीं शहर की सड़कों पर भक्तों की टोली भगवान शिव के आराध्य भगवान राम की भक्ति में सराबोर नजर आ रही है। सामाजिक संस्थाओं की ओर से धाम क्षेत्र में दीप भी जलाए जा रहे हैं।आज काशी विश्वनाथ धाम का दूसरा लोकार्पण उत्सव मनाया जा रहा है।
मंदिर में भी लोकार्पण उत्सव पर रुद्राभिषेक, पूजन के साथ ही सांस्कृतिक आयोजनों चल रहे हैं। मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया है और रुद्राभिषेक के बाद भक्तों में प्रसाद का वितरण भी होगा। इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालुओं धाम आ रहे हैं। आज काशी की सड़कों पर पांच किलोमीटर तक शोभायात्रा निकाली गई। अग्नि-शस्त्र लेकर मां काली ने जब सड़कों पर तांडव किया को सबके पैर थम गए। नरमुंड पिशाच बने बाबा के गणों ने सड़क पर तांडव किया तो हर तरफ अग्नि और राख देखने को मिली।
शिव बरात समिति के अध्यक्ष जगदंबा तुलस्यान ने बताया कि शोभायात्रा में चंद्रयान-3 , नारी शक्ति वंदन बिल और अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की झांकी दिखेगी। पारंपरिक तरीके से ढोल और बाजे गाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जा रही है। शोभायात्रा में शहर की कई धार्मिक संस्थाएं भी शामिल हैं।
दुनिया भर के सनातनधर्मियों के आकर्षण का केंद्र बन चुके काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण की कहानी भी अनोखी है। 463 वर्षों के बाद बाबा विश्वनाथ के धाम ने मूर्त रूप लिया। बाबा विश्वनाथ के मंदिर के पुनरुद्धार, निर्माण और कायाकल्प में महाराणा रणजीत सिंह, टोडरमल और अहिल्याबाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना ने मूर्त रूप लिया, जो आज श्री काशी विश्वनाथ धाम के रूप में दुनिया के सामने है।