बाबूजी के दिवंगत होने पर एक शब्द नहीं बोले, पर माफिया की मौत पर फातिया पढ़ने गए
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को स्व. कल्याण सिंह की तृतीय पुण्यतिथि पर आयोजित ‘हिंदू गौरव दिवस’ के दूसरे संस्करण के कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता की ओर से बाबूजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में सीएम योगी ने कल्याण सिंह के संघर्षों और चुनौतियों की यात्रा को शिखर से शून्य की यात्रा करार दिया। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति कल्याण सिंह अचानक नहीं बन जाता।
कल्याण सिंह बनने के लिए संघर्ष, चुनौती, त्याग और बलिदान का मार्ग चुनना पड़ता है। चुनौती और संघर्ष जब सामने होता है तो त्याग और बलिदान का जज्बा पैदा होता है, तब कोई भी ताकत आपको झुका नहीं सकती, आपका बाल भी बांका नहीं कर सकती है। एक अपार जनआस्था और विश्वास आपके साथ खड़ा होता है। इस अपार जनविश्वास के प्रतीक कल्याण सिंह जी बने। उन्होंने उस समय की ताकतों का मुकाबला किया, विपरीत परिस्थितियों में काम किया, लेकिन श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन के मार्ग से कतई नहीं हटे। अंततः परिणाम आज हमारे सामने है। आज उसकी सुखद अनुभूति पूरी दुनिया में रहने वाले सनातन धर्मावलंबी कर रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में समाजवादी पार्टी और इसके मुखिया पर भी हमला किया और पीडीए पर गंभीर सवाल उठाए।
जन्म से ही संघर्ष और चुनौतियों से मुकाबला करना सीख लिया
सीएम योगी ने बाबू जी (कल्याण सिंह) को उनकी तीसरी पुण्ण तिथि पर कोटि-कोटि नमन करते हुए कहा कि अलीगढ़ के एक सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले ‘बाबूजी’ ने शुरुआत से ही संघर्ष और चुनौतियों का मुकाबला करना सीख लिया था। पहले किसान और फिर शिक्षक, आरएसएस के स्वयंसेवी, भाजपा कार्यकर्ता के रूप में अपनी यात्रा प्रारंभ करने वाले बाबू जी की यात्रा शून्य से शिखर तक की यात्रा है। वे विधायक भी थे, सांसद भी थे। वह प्रदेश सरकार में कांग्रेस की दमनकारी नीतियों के खिलाफ और आपातकाल के खिलाफ आंदोलन के दौरान जेल में भी बंद हुए थे। आपातकाल के बाद बनी सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री भी थे।