टैरिफ बढ़ने के डर से अमेरिका में कार खरीदने की होड़, कुछ कंपनियों को नजर आया बिक्री का मौका!

अमेरिका के ऑटो बाजार में इन दिनों जबरदस्त हलचल मची हुई है। ग्राहक तेजी से शोरूम का रुख कर रहे हैं क्योंकि 3 अप्रैल से आयातित कारों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू होने वाला है। इस बढ़ती मांग को देखते हुए कार निर्माता कंपनियां तेजी से वाहन डिलीवर कर रही हैं, डीलर अपने स्टॉक का प्रबंधन करने की रणनीति बना रहे हैं। और Hyundai (ह्यूंदै) अपने सेल्स कर्मचारियों को इस मौके का पूरा फायदा उठाने के लिए प्रेरित कर रही है। इन टैरिफ का दीर्घकालिक असर क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन फिलहाल इनकी वजह से कारों की कीमतें बढ़ रही हैं और बाजार में अफरा-तफरी मची हुई है।

शोरूम में बढ़ती भीड़ और स्टॉक मैनेजमेंट
शेवरले डीलर डुआने पैडॉक के अनुसार, गाड़ियों की डिलीवरी अचानक दोगुनी हो गई है। जनरल मोटर्स ने उन्हें सिर्फ तीन दिनों में उतनी गाड़ियां भेज दीं, जितनी आमतौर पर एक हफ्ते में आती हैं। खासतौर पर शेवरले की Equinox, Trailblazer और Trax जैसी सस्ती गाड़ियां सबसे ज्यादा खरीदी जा रही हैं। क्योंकि ग्राहक कीमतों में संभावित बढ़ोतरी से पहले ही कार खरीद लेना चाहते हैं। अमेरिका में डीलरों के पास अभी औसतन 60 से 90 दिनों का स्टॉक है, जो शुरुआती टैरिफ प्रभाव से बचाव के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करेगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि जब यह स्टॉक खत्म हो जाएगा, तब कंपनियों और ग्राहकों को टैरिफ का सीधा असर झेलना पड़ेगा।

उद्योग में अनिश्चितता और बढ़ती कीमतें
इन टैरिफ्स के प्रभाव को लेकर उद्योग जगत असमंजस में है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ओहायो स्थित एक कार डीलरशिप ग्रुप के सीईओ रेट रिकार्ट का कहना है कि इन टैरिफ्स के चलते नई और पुरानी दोनों तरह की कारों की कीमतों में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी, लेकिन इसका स्तर क्या होगा, यह कहना मुश्किल है। पहले से ही कार डीलर बढ़ती ब्याज दरों और ऊंची कीमतों से जूझ रहे हैं, जिससे नई कार की औसत मासिक किश्त 600 डॉलर से ज्यादा हो गई है।

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