‘नाविकों की रक्षा के लिए मित्र देशों के बीच तालमेल जरूरी’, तटरक्षक बल का बचाव समन्वय प्रशिक्षण पर जोर
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नई दिल्ली: पश्चिम तटरक्षक क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ वी अनबरसन ने शनिवार को समुद्र में नाविकों की सुरक्षा के लिए मित्र देशों के बीच तालमेल और सहयोग के महत्व पर जोर दिया। वे ‘एमआरसीसी ओपीएस एंड एसएआर’ पाठ्यक्रम के समापन समारोह में बोल रहे थे, जिसका आयोजन समुद्री बचाव समन्वय (एमआरसीसी) मुंबई द्वारा किया गया था।
अनबरसन ने कहा कि समुद्र में नाविकों की सुरक्षा के “साझा और वैश्विक उद्देश्य” को प्राप्त करने के लिए विभिन्न देशों के बीच सहयोग और तालमेल बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि खोज और बचाव (एसएआर) समन्वय प्रशिक्षण का यह पाठ्यक्रम इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।
बता दें कि इस पाठ्यक्रम में समुद्र में खोज और बचाव के संचालन को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षकों को आवश्यक तकनीकी जानकारी दी जाती है। ‘एमआरसीसी ओपीएस एंड एसएआर’ पर यह एक सप्ताह का अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम छह देशों – बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, सेशेल्स और श्रीलंका के 22 प्रशिक्षुओं के लिए आयोजित किया गया था।
विदेश मंत्रालय के तहत आयोजित
साथ ही यह पाठ्यक्रम भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) और विदेश मंत्रालय के तहत आयोजित किया जाता है। इसमें समुद्री खोज और बचाव (एम-एसएआर) योजना, समन्वय, डेटा की गणना, खोज योजना विकास, उपग्रह-सहायता प्राप्त संचालन और केस स्टडी जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है।