भीषण गर्मी में भी नहीं डिग रहे शिवभक्तों के कदम, तपती सड़कों पर बढ़ रहे आगे
मेरठ: पांव में छाले और जुबां पर भोले के जयकारों के संग कांवड़िये मंजिल की ओर बढ़ते जा रहे हैं। कुछ मन्नत पूरी होने पर कांवड़ ला रहे हैं और तो कुछ ने कांवड़ के साथ ही मन्नत भी मांगी है।मेरठ में हाईवे पर कांवड़ियों की संख्या और दिनों के मुकाबले आज चार गुना अधिक रही। बारिश न होने के कारण उमस और गर्मी बरकरार है। ऐसे में भीषण गर्मी का एहसास और माैसम प्रतिकूल होने के बावजूद शिवभक्तों के कदम नहीं रुक रहे हैं। मेरठ में मोदीपुरम, कंकरखेड़ा, रुड़की रोड और दिल्ली रोड पर 150 से अधिक कांवड़ सेवा शिविर लगाए गए हैं। इन शिविरों में शिवभक्त कुछ देर आराम करते हैं और फिर अपने गंतव्यों की ओर बढ़ रहे हैं।
आसमान से बरसती आग में तपती सड़क, 37 डिग्री तापमान में सड़क पर नंगे पैर चलते कांवड़ियों का छलनी शरीर के असहनीय दर्द को भूलकर बम-बम भोले का उद्घोष करते हुए कांवड़ियों का सैलाब सड़कों पर उतर आया है।
भोलेनाथ की भक्ति कांवड़ियों के पैरों के छाले में दर्द पर भारी पड़ रही है। प्रभु की भक्ति में डूबे शिवभक्त शिवालयों की तरफ बढ़ रहे हैं। सेवक जगह-जगह कांवड़ शिविरों में कांवड़ियों की सेवा को अपना शोभाग्य मानकर चल रहे हैं। शिविरों में सेवा करते हुए वीआईपी भी देखे जा रहे हैं।
गर्मी ने मंगलवार को सुबह 12 बजे के बाद कांवड़ियों के कदम रोक दिए। कांवड़ियों को शिविरों में विश्राम के लिए रुकना पड़ा। मेरठ के खिर्वा चौराहा के निकट कंकरखेड़ा व्यापार संघ की ओर से लगाए गए कांवड़ सेवा शिविर में दिल्ली यमुना किनारे मरघट वाले हनुमान मठ के मुख्य महंत वैभव शर्मा, सांसद अरुण गोविल, पूर्व विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, कंकरखेड़ा व्यापार संघ अध्यक्ष नीरज मित्तल, भाजपा पूर्व महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंहल, रालोद नेता सुनील रोहटा कांवड़ियों का चिकित्सा उपचार करते मिले। इस दौरान गणेश अग्रवाल, नीरज जटौली, पं. संजय त्रिपाठी, ठा. ओपी सिंह, हेतराम शाक्य, सुनील शर्मा आदि कांवड़ियों को भोजन कराकर धर्म लाभ उठाया।
ये भी मान्यताएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कांवड़ के कुछ नियम होते हैं। पहला नियम यही है कि जिस परिवार से कोई व्यक्ति या महिला हरिद्वार या गंगोत्री से कांवड़ लेने जाते हैं तो उनके साथ-साथ पूरा परिवार नियमों का पालन करना होता है।