सेवानिवृत्त होने के बजाय कामकाजी वर्ष बढ़ाएं, बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा का एकमात्र तरीका
किसी व्यक्ति के लिए अपना 90वां जन्मदिन मनाना एक जश्न हो सकता है। उनकी खुशियों का, उनकी सेहत का और उनके परिवारजनों का। लेकिन, उम्र के इस पड़ाव तक पहुंचने के लिए सेवानिवृत्त होने के बजाय आपको अपने कामकाजी वर्षों को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। यह बुढ़ापे में वित्तीय रूप से सुरक्षित रहने का एकमात्र तरीका है।
कुछ दिन पहले मैं एक अनोखी पार्टी का गवाह बना। अनोखी इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि पार्टी में 25 में से 23 लोग 80 साल से ज्यादा उम्र के थे। मैं और मेरी पत्नी सबसे छोटे थे। हमें एहसास हुआ कि लंबा जीवन जीना बहुत उपयोगी और प्यारा हो सकता है। यह पार्टी एक डॉक्टर के 90वां जन्मदिन मनाने की खुशी में थी, जिसने एक दशक पहले ही पूर्ण रूप से काम करने से सेवानिवृत्त ले लिया था। अजीब बात है कि उनके 60 साल की उम्र के बच्चे अपनी पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण इसमें शामिल नहीं हो सके। हालांकि, इसका कोई बहुत फर्क इस जश्न पर नहीं पड़ा।
इस पार्टी से मुझे जो एहसास हुआ, वह यह कि जब आप बूढ़े हो जाएंगे (जरूरी नहीं कि सेवानिवृत्त हो जाएं) तो जीवन में कई चीजें हैं, जिनका इंतजार करना होगा। सेवानिवृत्ति का मतलब यह नहीं है कि आप काम करना बंद कर दें। आप बस वह काम शुरू कर दें, जो आपको पसंद है। यह बहुत अच्छा है, अगर उस चीज से भुगतान भी मिले। हां, जीवन कई चुनौतियां लाता है, लेकिन आपको इसे सही ढंग से लेने की जरूरत है न कि इससे जूझने की। सकारात्मक मानसिकता रखना हर उम्र में अच्छा है और व्यक्ति को इस दिशा में काम करने की जरूरत है।
सेवानिवृत्ति का मतलब सिर्फ पैसा होना नहीं
बढ़ती लंबी आयु के साथ सबसे अच्छी वित्तीय योजनाएं विफल हो सकती हैं, जिसका अर्थ है कि बुढ़ापे में वित्तीय रूप से सुरक्षित रहने का एकमात्र तरीका अपने कामकाजी वर्षों को जितना संभव हो उतना बढ़ाना है। यह भी सुनिश्चित करना है कि आप समान आयु वाले लोगों की संगति में रहें। जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए जरूरत पड़ने पर ऐसे लोग भावनात्मक मदद कर सकते हैं। याद रखें, सेवानिवृत्ति का मतलब सिर्फ पैसा होना नहीं है, बल्कि समय कैसे बिताना है, इसकी चिंता किए बिना आगे बढ़ते रहना भी एक उद्देश्य होगा।
समस्याओं से जूझने के बजाय डटकर करें सामना
हम पार्टी में शामिल अधिकांश लोगों को नहीं जानते थे। कई लोगों ने हमें डॉक्टर का पोता समझ लिया। शुरू में तो हम थोड़ा शर्मिंदा थे, लेकिन जल्द ही डॉक्टर के करीबी परिवार का सदस्य समझे जाने पर यह शर्मिंदगी खुशी में बदल गई। वहां मौजूद लोगों में उम्र संबंधी सामान्य समस्याएं थीं, लेकिन वे सभी अपने दिमाग व शरीर से तेज थे। इस पार्टी में विभिन्न क्षेत्रों के लोग थे। वे कुछ दशकों में स्वामी परिवार के दोस्त बन गए हैं, क्योंकि कई वर्षों से एक ही अपार्टमेंट में रह रहे हैं और साथ ही यात्रा भी कर रहे हैं।
वित्तीय सुरक्षा के लिए करियर का भी प्रबंधन
आश्चर्य की बात नहीं, उनमें से करीब सभी अपने बच्चों के साथ नहीं, बल्कि घरेलू नौकरों के साथ स्वतंत्र रूप से रह रहे थे क्योंकि अधिकांश बच्चे विदेश में बस गए थे या अलग-अलग शहरों में। ये सभी लोग सामान्य पेशे से थे और वे कोई अमीर परिवार से भी नहीं थे। लेकिन उन्होंने अपने बल पर सारा कुछ अर्जित किया है। कई लोगों के पास पेंशन थी जो पर्याप्त नहीं थी, लेकिन उन्होंने वित्तीय रूप से सुरक्षित होने के लिए अपने पैसे के साथ-साथ अपने करियर को भी चतुराई से प्रबंधित किया था।
एक आम बात यह थी कि सभी ने अपने कामकाजी वर्षों को सामान्य सेवानिवृत्ति आयु 58 या 60 से आगे बढ़ा दिया था। उदाहरण के लिए, एक अकाउंटेंट ने कोचिंग संस्थान में 11वीं-12वीं के छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया था। एक महिला ने अपने पति के 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने के बाद संगीत सिखाना और परफॉर्मेंस करना शुरू किया। उन्होंने बताया, जब उनके पति बैंक में काम कर रहे थे, तब नौकरी के कारण बुजुर्ग माता-पिता के साथ उनका ट्रांसफर होता रहा। इससे वह संगीत में रुचि को आगे नहीं बढ़ा सकीं। अब उन्हें अपने जुनून को फिर से शुरू करने का समय मिला।
शुरू कर सकते हैं व्यवसाय
एक सज्जन ने सेवानिवृत्ति के बाद व्यवसाय शुरू किया। विज्ञान के प्रति जुनून ऐसा था कि सेवानिवृत्ति के बाद सेमीकंडक्टर में कारोबार शुरू करने के लिए कुछ 20 साल के युवाओं को साझेदार के रूप में ढूंढ लिया। उन्होंने अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखा है। उनका जीवन उससे बिल्कुल अलग है, जैसा 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोग कल्पना करते हैं।