उपवास रखने से भूलने की समस्या हो सकती है दूर, इस टिप्स को करें फॉलो
बीते कुछ सालों से इंटरमिटेंट फास्टिंग का चलन बढ़ता जा रहा है. खासतौर पर युवाओं में इस तरह की फास्टिंग का क्रेज ज्यादा देखा जा रहा है. लोग उपवास के इस तरीके को वजन कम करने के लिए फॉलो कर रहे हैं.
डॉक्टरों का भी कहना है कि शरीर को फिट रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग एक बेहतर विकल्प है. अब इस फास्टिंग को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से अल्जाइमर डिजीज (भूलने की बीमारी) को कंट्रोल किया जा सकता है. जो लोग नियमित रूप से इसको फॉलो करते हैं उनकी मेमोरी भी अच्छी रहती है. इसके साथ ही कई तरह की बीमारियों से भी बचाव किया जा सकता है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से अल्जाइमर के मरीजो को काफी फायदा मिलता है. ये अल्जामर होने की आशंका को भी कम करती है. हाल ही में हुई कई रिसर्च में भी इस बात का दावा किया गया है.
क्या होती है इंटरमिटेंट फास्टिंग
इस फास्टिंग में खाने के समय में सुधार किया जाता है. इसमें 16 घंटे तक का उपवास किया जाता है और बाकी के 8 घंटे की अवधि के दौरान भोजन करना होता है. उपवास की अवधी लोगों पर निर्भर करती है. कुछ मामलों में लोग हफ्ते में एक दिन पूरे 24 घंटे की भी फास्टिंग यानी उपवास करते हैं.
भूलने की समस्या होती है दूर
आर्टिमिस अस्पताल में न्यूरो सर्जरी विभाग के चीफ डॉ विपुल गुप्ता ने बताया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से अल्जाइमर जैसी डिजीज को कंट्रोल किया जा सकता है. हाल ही में कई रिसर्च आई हैं, जिनमें बताया गया है कि उपवास का यह तरीका ब्रेन सेल्स को बेहतर बनाता है, जिससे अल्जाइमर जैसी बीमारी होने की आशंका कम रहती है. जिनको ये डिजीज है भी तो उनमें फास्टिंग से इसको कंट्रोल किया जा सकता है.
कई दूसरी बीमारियां भी होने का खतरा कम
डॉ विपुल कहते हैं कि इस फास्टिंग से इंसुलिन हार्मोन भी कंट्रोल में रहका है और इससे डायबिटीज होने की आशंका कम रहती है. इस तरह का रूटीन बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करता है और बीपी भी कंट्रोल में रहता है. साथ ही मेमोरी भी बेहतर बनाती है. ये वजन कंट्रोल करने में भी काफी कारगर है, लेकिन इसको ज्यादा भी नहीं करना चाहिए. इससे शरीर में कई तरह के प्रोटीन और विटामिन की कमी होने का खतरा रहता है. खासतौर पर जिन लोगों के शरीर में काफी कमजोरी रहती है या कुछ महीनों पहले किसी गंभीर बीमारी से रिकवर हुए हैं तो फास्टिंग से बचना चाहिए.