‘कर्नाटक के विकास पर दुनियाभर के अर्थशास्त्री अध्ययन कर रहे’, संयुक्त सत्र में बोले राज्यपाल
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बंगलूरू: कर्नाटक के राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा है कि राज्य के विकास के मॉडल का अध्ययन दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों और विश्वविद्यालयों द्वारा किया जा रहा है। कर्नाटक विधानसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कहा कि कर्नाटक के विकास का मॉडल व्यक्ति आधारित है, जिसमें आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रशासन पर फोकस किया गया है। राज्यपाल ने कहा कि ‘कर्नाटक में सरकार विकास के नए और अनोखे मॉडल को आकार दे रही है। कर्नाटक के विकास मॉडल का मतलब व्यक्ति आधारित अर्थव्यवस्था, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रशासन है। हरित ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण आदि भी उसमें शामिल हैं।’
राज्यपाल ने कहा- सरकार ने सभी आशंकाओं को गलत साबित किया
राज्यपाल ने कहा कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने अपने मानवाधिकार संबंधी ब्लॉग में कर्नाटक के विकास मॉडल को ‘अंधेरे में चमकता हुआ प्रकाश’ और ‘दुनिया के लिए ब्लूप्रिंट’ करार दिया है। राज्यपाल ने सरकार की गारंटी योजनाओं का भी बचाव किया। दरअसल कर्नाटक सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि इन गारंटी योजनाओं के चलते राज्य की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाएगी। इस पर राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि ‘राज्य सरकार ने इन सारी आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है।’
राज्यपाल की शक्तियां करने के कदम के खिलाफ भाजपा-जेडीएस का प्रदर्शन
विपक्षी पार्टियों भाजपा और जेडीएस ने राज्य सरकार पर राज्यपाल की शक्तियां करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी विधायकों ने हाथों में प्लेकार्ड और बैनर लेकर विधान सौधा तक मार्च किया। कर्नाटक विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू हो गया है और यह 21 मार्च तक जारी रहेगा। विपक्ष का आरोप है कि सरकार, राज्यपाल की विश्वविद्यालयों के कुलपति होने की शक्ति को छीनना चाहती है।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि संविधान में राज्यपाल को विशेष शक्तियां दी गई हैं। अब राज्य सरकार उन शक्तियों को छीनकर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। बता दें कि कर्नाटक सरकार ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विश्वविद्यालय विधेयक पेश किया था, जिसका भाजपा ने विरोध किया। इस विधेयक के तहत राज्यपाल की ग्रामीण विकास और पंचायती राज विश्वविद्यालयों में उप-कुलपति नियुक्ति करने की शक्ति को छीन लिया गया है। विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध किया। अब राज्यपाल ने भी इस विधेयक को वापस लौटा दिया है।