जंग के बीच हमास का रुख नरम, बिना शर्त स्थायी युद्ध विराम के लिए बातचीत को तैयार
हमास और इस्राइल बीते नौ महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर देशभर में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस बीच, हमास का रुख कुछ नरम होता दिख रहा है। वह किसी भी समझौते पर पहुंचने से पहले इस्राइल पर लगातार स्थायी युद्धविराम के लिए दबाव डालने की अपनी जिद पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार है।
अस्थायी युद्ध विराम पर बातचीत को तैयार
गाजा में युद्ध विराम तक पहुंचने के लिए चल रहे प्रयासों में यह बयान एक महत्वपूर्ण पल है। हमास लगातार कई मांगे रखता आ रहा है। हालांकि अब वह बिना किसी शर्त के एक अस्थायी युद्ध विराम पर बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है।
छह सप्ताह तक हो सकती है वार्ता
हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि संशोधित दृष्टिकोण से समझौते के प्रारंभिक चरण के दौरान स्थायी युद्धविराम पर बातचीत जारी रखने की अनुमति मिल जाएगी, जिसके छह सप्ताह तक चलने की उम्मीद है। महत्वपूर्ण बात यह है कि मध्यस्थ अस्थायी युद्धविराम के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेंगे, गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने में सुविधा प्रदान करेंगे, तथा वार्ता जारी रहने तक इस्राइली सैनिकों की वापसी की निगरानी करेंगे।
मसौदे में कहा गया है कि 16वें दिन से पहले, इस समझौते के दूसरे चरण के कार्यान्वयन की शर्तों को अंतिम रूप देने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू हो जाएगी। पहले चरण के पांचवें सप्ताह के अंत से पहले यह बातचीत पूरी हो जानी चाहिए।
कतर में हो रहीं बैठक
हमास के रुख में यह बदलाव कतर में इस्राइल और हमास के प्रतिनिधियों के बीच फिर से शुरू हुई वार्ता के बीच आया है। बता दें, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से व्यापक समझौते पर मध्यस्थता के उद्देश्य से विस्तृत चर्चा करने की अनुमति मिलने के बाद यह बातचीत फिर से शुरू हुई।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मोसाद के निदेशक डेविड बार्निया ने मध्यस्थों से मिलने तथा युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई को शामिल करते हुए संभावित नए समझौते की शर्तों पर चर्चा करने के लिए कतर की यात्रा की। वहीं एक इस्राइली मसौदा प्रस्ताव का विवरण स्थानीय मीडिया में सामने आया है। इसमें एक तय समय सीमा के भीतर बातचीत शुरू करने के प्रावधान शामिल हैं। हालांकि, इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता की पुष्टि करने से परहेज किया है।
हमास और इस्राइल के बीच एक समझौते को सुरक्षित करने के प्रयासों को हाल के महीनों में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। नेतन्याहू पर इस्राइली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए दक्षिणपंथी मंत्रियों और बंधकों के परिवारों सहित विभिन्न क्षेत्रों से दबाव है।