उत्तराखंड : जीका वायरस को लेकर अलर्ट हुआ स्वास्थ्य विभाग, स्वच्छता बरकरार रखने के दिए निर्देश

कानपुर सहित उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में जीका वायरस के संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस ली है। डेंगू की तरह लोगों को बीमार करने वाले जीका वायरस के खात्मे के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी उत्तराखंड में स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ डॉ. सुनीता चुफाल ने सभी ब्लॉकों को दोबारा फागिंग कराने के साथ ही स्वच्छता बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने घरों में छिड़काव के साथ ही साफ-सफाई रखने के लिए जागरूक भी किया है। इस दौरान डॉ. अविनाश खन्ना ने बताया कि जीका वायरस की बीमारी डेंगू की तरह ही होती है। इसमें कुछ ही अंतर होता है। उन्होंने बताया कि डेंगू एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है और जीका वायरस इसकी दूसरी प्रजाति एडीज एल्वोपिक्स है। इसमें भी शरीर का तापमान बढ़ जाता है और कमजोरी महसूस होती है।

इसमें रोगियों में बुखार, चक्कते, जोड़ों और आंखों के पीछे दर्द और उल्टी जैसी दिक्कत हो सकती है। ऐसे ही लक्षण आमतौर पर डेंगू में भी होते हैं। यही कारण है कि लोगों के लिए इन दोनों में अंतर कर पाना कठिन हो जाता है। यह वायरस महिलाओं को अधिक चपेट में ले रहा है।उन्होंने बताया कि खटीमा में डेंगू के मरीज निकलने के बाद स्वास्थ्य विभाग काफी अलर्ट हो गया है।

इधर सीएमओ डॉ. सुनीता चुफाल ने बताया कि इस बीमारी से निपटने के लिए पहले से ही डेंगू के 20 वार्ड तैयार किए जा चुके हैं। जीका वायरस की बढ़ती बीमारी को देखते हुए ऊधमसिंहनगर में ग्रामीण इलाकों में इसके लिए जागरूकता के लिए कहा गया है। इसके साथ ही फागिंग भी कराने के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने लोगों से साफ-सफाई और स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।

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