रेल हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, केंद्र से मांगा ब्योरा
सुप्रीम कोर्ट ने रेल हादसों को रोकने के सुरक्षा उपायों पर केंद्र सरकार से ब्योरा मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से ब्योरा मांगते हुए कहा कि देश में ट्रेन हादसों को रोकने के लिए स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ लागू या लागू करने के लिए प्रस्तावित सुरक्षात्मक उपायों के बारे में जानना चाहता है।
जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की खण्डपीठ में एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ट्रेन हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों का मुद्दा उठाया गया था। पीठ ने याचिकाकर्ता विशाल तिवारी से कहा कि वह अपनी याचिका की एक प्रति अटॉर्नी जनरल के कार्यालय को सौंपें। वहीं पीठ ने मामले को चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया हैं। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने अदालत से कहा कि यह याचिका सार्वजनिक सुरक्षा उपायों का मुद्दा उठाती है।
कवच प्रणाली को लेकर याचिका में उठाए सवाल
पिछले वर्ष जून में ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन हादसे का जिक्र करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार द्वारा एक सुरक्षा प्रणाली शुरू की गई थी ताकि ट्रेनों की टक्कर को रोका जा सके, बावजूद इसके पिछले वर्ष में ट्रेनों से जुड़े कई हादसे हुए हैं। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि क्या इस बारे में कोई कवायद की गई है कि कवच प्रणाली को पूरे भारत में लागू करने पर कितना वित्तीय प्रभाव पड़ेगा। हर चीज का वित्तीय पहलू से सह-संबंध होता है क्योंकि अंततः इसका बोझ यात्रियों पर डाला जाएगा।’
बता दें याचिका में रेलवे प्रणाली में जोखिम और सुरक्षा मापंदडों का विश्लेषण और समीक्षा करने समेत कई सुझाव देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तकनीकी सदस्यों से युक्त विशेषज्ञ आयोग गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई हैं। साथ ही याचिका में दावा किया गया कि कवच प्रणाली जल्द से जल्द लागू न करने के चलते बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ हैं।