‘राहुल गांधी के हमशक्ल का नाम-पता सब बताऊंगा’, असम सीएम ने न्याय यात्रा पर लगाए थे आरोप
असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि वह जल्द ही राहुल गांधी के हमशक्ल का नाम-पता बताएंगे। हिमंत बिस्व सरमा ने बीते दिनों आरोप लगाया था कि असम में राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी के हमशक्ल का इस्तेमाल किया गया। अब जब उनसे उनके दावे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा है कि वह जल्द ही हमशक्ल के नाम-पते की जानकारी साझा करेंगे।
असम सीएम बोले- कुछ दिन में सारी जानकारी दूंगा
हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि ‘मैं ऐसे ही बातें नहीं बोलता हूं। हमशक्ल का नाम और कैसे ये सब किया गया, इसकी पूरी जानकारी दूंगा। बस कुछ दिन का इंतजार करिए।’ शनिवार को असम सीएम सोनितपुर जिले में थे, वहीं पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये बात कही। सरमा ने कहा ‘मैं रविवार को डिब्रूगढ़ में रहूंगा और अगले दिन गुवाहाटी जाऊंगा। एक बार जब मैं गुवाहाटी पहुंच जाऊंगा तो मैं हमशक्ल का नाम और पते की जानकारी दूंगा।’
कांग्रेस पर तीखा हमला बोला
राहुल गांधी द्वारा हिमंता बिस्व सरमा को सबसे ज्यादा भ्रष्ट सीएम बताया गया और उन्होंने दावा किया कि असम में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आएगी। अब हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि ‘उन्हें हराने के लिए सभी गांधी- सोनिया, प्रियंका और राहुल को आना होगा। प्रियंका गांधी के बेटे को भी आने दीजिए। वह (कांग्रेस) पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके हैं।’ असम सीएम ने दावा किया कि ‘लोकसभा चुनाव में भाजपा राज्य में साढ़े 11 सीटें जीतेगा और हम कोशिश कर रहे हैं कि इसे 12 में कैसे बदला जाए। हम कांग्रेस को लेकर बिल्कुल चिंतित नहीं हैं।’ राज्य में 14 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से अभी नौ सीटों पर भाजपा का कब्जा है।
असम सीएम ने किया था ये दावा
राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने बीते गुरुवार को असम का चरण पूरा किया था। इसके बाद असम सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा कहा जा रहा है कि असम में न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी की जगह उनके हमशक्ल का इस्तेमाल किया गया। बस से लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन करने के लिए राहुल गांधी के हमशक्ल का इस्तेमाल किया गया। सरमा ने ये भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी की यात्रा के दौरान असम के लोगों को भड़काने की कोशिश की गई।