पंजाब से लगते भारत-पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर आईईडी विस्फोट, अलर्ट बीएसएफ ने टाला बड़ा हादसा

नई दिल्ली:पंजाब से लगते भारत-पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पहली बार इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट की घटना देखने को मिली है। अभी तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर के आतंकवाद से प्रभावित इलाकों में आईईडी का इस्तेमाल होता था। आईईडी के जरिए सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाती थी। अब पंजाब में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर भारतीय क्षेत्र में यह घटना हुई है।

हालांकि, अलर्ट बीएसएफ जवानों ने अपनी सूझबूझ एवं सक्रियता के चलते एक बड़े हादसे को टाल दिया है। आईईडी को नाकाम करने के दौरान बीएसएफ का एक जवान घायल हो गया है।
पंजाब के गुरदासपुर में भारत-पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर 8 व 9 अप्रैल की रात को बीएसएफ जवान गश्त पर थे। इस दौरान जवानों को कुछ संदिग्ध वस्तु दिखाई पड़ी। पंजाब से लगती सीमा पर बीएसएफ जवान हर समय अलर्ट रहते हैं। वजह, पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सीमा में ड्रोन भेजे जाते हैं। इनमें हथियार और ड्रग्स होती हैं। बीएसएफ अपनी सतर्कता से अधिकांश ड्रोन को मार गिराती है। जिस जगह पर ड्रोन मार गिराया जाता है, वहां गहन सर्च होती है।

गुरदासपुर से लगते बॉर्डर पर बीएसएफ जवानों ने जब संदिग्ध वस्तु की जांच पड़ताल की तो मालूम हुआ वह इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) था। इसके बाद जवानों ने आईईडी को निष्क्रिय करने का प्रयास किया। इसी चक्कर में एक जवान घायल हो गया। उसे तुरंत सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गुरदासपुर के चौतडां इलाके में जहां यह विस्फोट हुआ है, वह पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है। बीएसएफ के जवान रात में सीमा पर बाड़ के आगे गश्त करते हैं। उनका मकसद इलाके को सुरक्षित रखने के अलावा जवानों और स्थानीय किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है। दिन के समय इस रास्ते से किसान खेती के लिए आते-जाते हैं। बीएसएफ के मुताबिक, यह आईईडी, सुरक्षा बलों और किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाई गई थी। जांच के दौरान खेतों में छिपे हुए तारों का एक नेटवर्क भी सामने आया है। संभव है कि ऐसी कई आईईडी वहां पर दबाई गई हों।

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