‘अगर कंपनी 16 घंटे काम कराती है तो..’ काम के दबाव में जान गंवाने वाली EY कर्मी के परिजन से मिले थरूर

तिरुवनंतपुरम: पुणे की बहुराष्ट्रीय कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग (ईएनवाई) की 26 साल की एक युवा चार्टर्ड एकाउंटेंड की काम के दबाव के कारण हुई मौत ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। इस घटना के बाद से ही बड़ी पेशेवर कंपनियों में कार्य के दबाव और कर्मचारियों के स्वास्थ्य को नजरंदाज करने की संस्कृति सवालों के घेरे में है। इस बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मृतक एना सेबेस्टियन पेरिइल के परिवारवालों से बुधवार को मुलाकात की। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस भावनात्मक मुलाकात की तस्वीरें भी शेयर की। बता दें कि एना सेबेस्टियन पेरिइल केरल की रहने वाली थी और वह पुणे के ईएनवाई कंपनी में काम कर रही थी। इस साल जुलाई में ही उसकी मौत हुई थी। मृतक की मां अनीता ऑगस्टाइन ने कंपनी के अध्यक्ष राजीव मेमानी को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम के महिमामंडन की बात कही। उनकी यह चिट्ठी इस महीने वायरल हो गई।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बताया कि उन्होंने उनके साथ कंपनियों की विषाक्त कार्य संस्कृति में सुधार के लिए जांच और जवाबदेही, नए कानीनों और विनियमों के लिए बेहतर प्रशिक्षण की आवश्यकताओं पर चर्चा की। उन्होंने आरोप लगाया कि एना की मौत अत्याधिक काम करने और मैनेजर द्वारा दबाव बनाने के कारण दिल का दौरा पड़ने से हुई।

थरूर ने कहा, “अगर कोई कंपनी अपने कर्मचारियों से 16-18 घंटे काम कराती है तो उस कंपनी को अधिक कर्मचारियों को नौकरी पर रखना होगा। न कि अपने कर्मचारियों के अधिकारों का दुरुपयोग करना है, जिन्हें वह भर्ती करती हैं और उनका शोषण करती हैं।” इससे पहले पिछले हफ्ते शशि थरूर ने एना के पिता सिबि जोसेफ से बात की थी। कांग्रेस नेता ने कहा, “उन्होंने (एना के पिता) सुझाव दिया कि मैं संसद के माध्यम से सभी कार्यस्थलों के लिए निश्चित कैलेंडर बनाने का मुद्दा उठाऊं। चाहे वह निजी क्षेत्र में हो या सार्वजनिक, जहां प्रतिदिन आठ घंटे से अधिक काम न हो और पांच दिन से अधिक काम न कराए जाए। मैं इससे सहमत हो गया।”

मीडिया से बात करते हुए एना के पिता ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को इस्तीफा देने का सुझाव दिया था, क्योंकि उनकी बेटी रात के साढ़े 12 बजे तक जागकर काम करती थी। परिवारवालों ने आरोप लगाया कि एना की मां की चिट्ठी वायरल होने के बाद कंपनी ने प्रतिक्रिया दी।

Related Articles

Back to top button