न लगे काम में मन और दिमाग रहता है अशांत तो शुरू कर दें इन योगासनों का अभ्यास
कई बार काम के तनाव, कमजोरी या अन्य कारणों से लोगों का मन व मस्तिष्क थकावट महसूस करता है। अक्सर ऐसा होता है कि आपका काम में मन नहीं लगता और दिमाग में कई तरह के विचार आते हैं, जिससे आपका दिमाग अशांत हो सकता है। तनाव के कारण भी इस तरह की समस्या होती है। अनिद्रा की शिकायत होने पर भी मन अशांत हो जाता है। अगर इस तरह की समस्या से आप भी ग्रसित हैं तो मन और दिमाग को शांत करने के लिए आपको योगासन का अभ्यास करना चाहिए। योग से दिमाग शांत रहता है। तनाव कम होता और अनिद्रा की समस्या से राहत मिलती है, जिससे एकाग्रता आती है। ऐसे में तनाव और अनिद्रा की शिकायत से राहत पाने के लिए और दिमाग को शांत रखने व एकाग्रता के लिए नियमित इन योगासनों का अभ्यास करें।
वृक्षासन का अभ्यास
इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े होकर दाहिने घुटने को मोड़ते हुए दाहिने पंजे को बाएं जांघ पर रखें। अब पैर के तलवे को जांघ के ऊपर सीधा रखें। इसके बाद बाएं पैर को सीधा रखते हुए संतुलन बनाएं। गहरी सांस लें और नमस्कार की मुद्रा मे रहें। इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए सांस छोड़ते समय शरीर को ढीला छोड़ते जाएं। अब हाथों को नीचे लाएं। फिर दाएं पैर को भी सीधा करें। पहले वाली मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब बाएं तलवे को दाहिनी जांघ पर रखकर आसन को दोहराएं।
पश्चिमोत्तानासन
दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए इस योगासन को फायदेमंद माना जाता है। एकाग्रता को सुधारने, तनाव दूर करने और दिमाग शांत रखने के लिए नियमित इस योगासन का अभ्यास करें। पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास से शरीर ऊर्जावान बनता है और सक्रियता बढ़ती है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर दोनों पैरों को फैलाकर बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए हाथों को आगे की ओर ले जाएं। फिर हाथों की उंगलियों से पैरों की उंगलियों को पकड़ें। कोशिश करें कि इस पोज में आपकी नाक घुटने को छुए। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद पुन: सामान्य अवस्था में आ जाएं।
बालासन
कमजोरी और थकान की शिकायत भी मन भ्रमित और दिमाग को असक्रिय बना देती है। ऐसे में बालानस का अभ्यास तनाव को कम करता है और शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है। बालासन का अभ्यास करने के लिए घुटनों के बल बैठकर दोनों टखने और एड़ियों को आपस में एक दूसरे से टच करें। गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर ले जाएं। फिर आगे की ओर झुकते हुए पेट को दोनों जांघों के बीच लाते हुए सांस छोड़ें। इस स्थिति में कुछ देर रहने के बा घुटनों को सीध में कर लें और वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।