अगर आप खाते हैं ब्रेड और जंक फूड तो हो सकते हैं इस दिमागी बीमारी का शिकार!
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स का प्रतिदिन सेवन सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है. इस तरह के खाने को डाइजेस्ट होने में काफी समय लगता है और ये खाना पेट में सड़कर एसिडिटी और मोटापे जैसी परेशानी पैदा करता है. लेकिन फिर भी लोगों द्वारा ये खाना बड़े ही चाव से खाया जाता है. लेकिन अब इस खाने से जुड़ी एक ओर जानकारी सामने आई है. एक रिसर्च में दावा किया गया है कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड के सेवन से डिप्रेशन का खतरा बढ़ता है.
क्या कहती है रिसर्च
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का मानसिक स्वास्थ्य पर असर जानने के मकसद से अमेरिकी एनजीओ सेपियन लैब्स ने वैश्विक स्तर पर सर्वे किया. जिसमें 26 देशों के हर आयु वर्ग के 3 लाख लोगों को शामिल किया गया. हिंदुस्तान के भी करीब 30 हजार लोग इस सर्वे का हिस्सा बने. इस रिसर्च में पाया गया कि जो लोग दिनभर में कई बार अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करते हैं उनमें मानसिक परेशानियां ज्यादा पाई जाती है उन लोगों के मुकाबले जो लोग कम अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स खाना पसंद करते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर श्रद्धा मलिक कहती हैं कि अल्ट्रा प्रोस्सेड फूड डिप्रेशन को बढ़ावा देता है. ये खाद्य पदार्थ हमारे मस्तिष्क और शरीर पर नेगेटिव असर डालते हैं. जिससे मूड स्विंग्स और डिप्रेशन जैसे मेंटल हेल्थ इश्यू हो सकते हैं. इसलिए हमें फ्रेश फ्रूट्स, सब्जियां, दही, दालें, नट्स और सीड्स का सेवन करना चाहिए. जो हमारे माइंड और बॉडी के लिए बहुत जरुरी हैं. इनमें ओमेगा फैटी-3 एसिड और विटामिन ई जैसे तत्व पाए जाते हैं जो कि एंटी ऑक्सीडेंट्स होते है जो कि ब्रेन को ओब्सेसिव स्ट्रेस से बचाते हैं.
क्या होते है अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड
जिस भोजन को अत्यधिक प्रोसेस्ड तरीके से बनाया जाता है उसे अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड कहते हैं, जैसे कि ब्रेड, बिस्कुट, कार्बोनेटिड ड्रिंक्स, पैकेज्ड चिप्स, स्नैक्स, मिठाईयां और हीट एंड इट फूड. हमारे बदलते और अनहेल्दी लाइफस्टाइल में ये सभी चीजें अपनी बड़ी जगह बना चुकी हैं. हम रोजाना किसी न किसी तरीके से अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं.
दोनों में क्या है संबंध
इस रिसर्च में पाया गया कि इस तरह के खाने के प्रतिदिन सेवन से डिप्रेशन जैसा मानसिक विकार बढ़ता है. इसके साथ ही उदासी, तनाव और निराशा जैसे विकार भी उत्पन्न होते हैं. खासकर 18 से 24 साल की उम्र में इसका ज्यादा असर देखा गया है. क्योंकि इस उम्र के लोग ही ऐसा खाना खाते हैं.
बचाव के लिए क्या करें
इसलिए अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए इस तरह के फूड्स का कम सेवन करें. क्योंकि ये आपको हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापे के साथ साथ मानसिक बीमारियों का भी शिकार बना रही हैं. अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखें और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का चयन कम करें. एक्सपर्ट्स की माने तो साबुत अनाज, हरी सब्जियों, डेयरी प्रोडक्ट्स और फलों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए.