श्रीलंका से चेन्नई वापस लौटे 19 भारतीय मछुआरे, भारतीय उच्चायोग ने रिहाई को लेकर कही यह बात

श्रीलंका नौसेना द्वारा हिरासत में लिए गए करीब 19 भारतीय मछुआरों को रिहा किए जाने के बाद बुधवार को भारत वापस भेज दिया गया है। भारतीय उच्चायोग ने यह जानकारी दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए भारतीय उच्चायोग ने लिखा, ‘घर वापसी! 19 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका से वापस लाया गया है और अब वे कोलंबो से चेन्नई जा रहे हैं। खास बात है कि 19 भारतीय मछुआरों की रिहाई कच्चातिवु द्वीप मुद्दे पर विवाद के बीच हुई है, जब भारत की सत्तारूढ़ भाजपा ने 1974 में इस छोटे से द्वीप को श्रीलंका को सौंपने के लिए कांग्रेस पार्टी को दोषी ठहराया था।

क्या है मामला
गौरतलब है कि श्रीलंकाई नौसेना ने पिछले महीने के अंत में एक बयान में पुष्टि की थी कि 2024 में द्वीप राष्ट्र के जल क्षेत्र पर मछली पकड़ने के लिए 23 भारतीय ट्रॉलर और 178 भारतीय मछुआरों को पकड़ लिया और उन्हें कानूनी कार्रवाई के अधिकारियों को सौंप दिया है।

मछुआरों का मुद्दा भारत-श्रीलंका के बीच एक विवादास्पद विषय
बता दें मछुआरों का मुद्दा भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों में एक विवादास्पद मुद्दा है, यहां तक कि श्रीलंकाई नौसेना के जवानों ने पाक जलडमरूमध्य में भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी भी की और श्रीलंकाई क्षेत्रीय जल में अवैध रूप से प्रवेश करने की कई कथित घटनाओं में उनकी नौकाओं को जब्त कर लिया।

कच्चातिवु को लेकर पीएम मोदी ने लगाए थे आरोप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी ने कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कच्चातिवु द्वीप मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी और सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की भी आलोचना की। पाक जलडमरूमध्य, तमिलनाडु को श्रीलंका से अलग करने वाली पानी की एक संकीर्ण पट्टी, दोनों देशों के मछुआरों के लिए एक समृद्ध मछली पकड़ने का मैदान है।

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