हिंद महासागर की रक्षा परियोजनाओं में आएगी तेजी, भारत-मालदीव ने सहयोग बढ़ाने पर की चर्चा

हिंद महासागर क्षेत्र में चल रही रक्षा परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए भारत-मालदीव के बीच रक्षा वार्ता हुई। इसमें दोनों देशों के बीच हिंद महासागर में सहयोग बढ़ाने को लेकर सहमति बनी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वार्ता सार्थक रही। इससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे। साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि आएगी।

रक्षा वार्ता में भारत की ओर से रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और मालदीव की ओर से राष्ट्रीय रक्षा बल के प्रमुख जनरल इब्राहिम हिल्मी शामिल हुए। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा वार्ता के पांचवें दौर में दोनों देशों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग से संबंधित मामलों पर बात की। इसमें विभिन्न रक्षा सहयोग परियोजनाओं के काम में तेजी लाने पर ध्यान दिया गया। दोनों देशों ने अन्य मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया। इस दौरान आगामी द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों को लेकर भी चर्चा हुई।

मालदीव में करीब एक महीने पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। इस दौरान भारत और मालदीव ने द्वीपसमूह राष्ट्र में यूपीआई से भुगतान शुरू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव की सात प्रतिशत आबादी वाले 28 द्वीपों पर 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर के भारतीय सहयोग से बनी विशाल जल और स्वच्छता परियोजना का भी उद्घाटन किया था और मालदीव को सौंपा था।

नवंबर में दोनों देशों के बीच हो गया था तनाव
पिछले साल नवंबर में मालदीव में चीन की तरफ झुकाव वाले मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत-मालदीव के बीच तनाव हो गया था। इस दौरान मुइज्जू ने भारत से विमान प्लेटफार्म का संचालन करने वाले 90 भारतीय सैनिकों को वापस लेने के लिए कहा था। इसके बाद 10 मई को भारत ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया था। इसके बदले भारत ने मालदीव को डोर्नियर एयरलाइन और दो हेलीकॉप्टर समेत कुछ नागरिक कर्मी भेजे थे। बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति ने हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था।

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