भारत का प्रयास ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के मूल्यों के आधार पर पूरी दुनिया को एकजुट करना था
16 सितंबर (आईएएनएस)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत में हाल ही में हुए जी-20 के शिखर संम्मेलन को सफल बताते हुए दावा किया कि जी- 20 के दौरान, भारत का प्रयास “वसुधैव कुटुंबकम” के मूल्यों के आधार पर पूरी दुनिया को एकजुट करना था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया के सामने आने वाली हर बड़ी चुनौती का समाधान प्रदान कर रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को नई दिल्ली में निर्यात में उत्कृष्टता के लिए भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रायोजित पुरस्कार वितरण समारोह में विशिष्ट सभा को संबोधित करते हुए आगे कहा कि वैश्विक निर्यात क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों से आर्थिक विकास हुआ है और दुनिया भर में भारतीय ब्रांड और विनिर्माण मजबूत हुआ है। विश्व में भारत द्वारा किए जा रहे निर्यात के संदर्भ में बिरला ने कहा कि वर्तमान समय में दुनिया भर के अधिकांश देश विभिन्न क्षेत्रों में नए नवाचार और अनुसंधान के आधार पर व्यवसाय बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे समय में भारत को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव प्रयास करने चाहिए कि देश प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी बना रहे।
प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में भारत ने हर क्षेत्र में विकास किया है।
स्पीकर ने कहा कि आज का भारत सर्वसम्मति के आधार पर दुनिया के सामने आने वाली विभिन्न वर्तमान और भावी चुनौतियों का समाधान प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है और यह इसीलिए संभव हुआ है क्योंकि भारत केवल अपनी समृद्धि और कल्याण ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व की समृद्धि और कल्याण के लिए कार्य कर रहा है।
भारत में तीव्र गति से हो रहे औद्योगिक और तकनीकी विकास का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि कृषि से लेकर अंतरिक्ष और रक्षा तक, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें भारत ने प्रगति नहीं की है।
उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक वृद्धि करने के साथ ही भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हमारे लोग और हमारी विविधता हमारी ताकत है। बिरला ने यह भी कहा कि यह सच है कि कुछ विकसित देश प्रौद्योगिकी और नवाचार के मामले में भारत से आगे हो सकते हैं, परंतु भविष्य में भारत अपने कुशल मानव संसाधनों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के आधार पर दुनिया का मार्गदर्शन करेगा।
निरंतर हो रहे आर्थिक विकास के कारण लोगों की बढ़ती क्रय शक्ति की बात करते हुए बिरला ने इस बात की सराहना की कि आज भारत दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है।
उन्होंने कहा कि भारत न केवल अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा कर रहा है बल्कि साथ ही दुनिया के विकसित देशों को विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात भी कर रहा है। आर्थिक विकास में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने इन सभी पहलों का श्रेय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों के फलस्वरूप आज दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां विनिर्माण के लिए भारत की ओर देख रही हैं। इससे एमएसएमई क्षेत्र में निरंतर विकास हो रहा है और रोजगार सृजन हो रहा है, जिससे समाज के गरीब और वंचित वर्गों के युवाओं को लाभ हो रहा है।