डीएस ग्रुप में स्थापित हुआ भारत का पहला आउटडोर लिक्विड ट्री, पर्यावरण के लिहाज से है महत्वपूर्ण
एफएमसीजी समूह, धर्मपाल सत्यपाल ग्रुप (डीएस ग्रुप) ने शहरी स्थिरता को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत एक जलवायु तकनीक स्टार्टअप लिक्विड ट्रीज के साथ साझेदारी की है। दोनों ने मिलकर भारत के पहले आउटडोर लिक्विड ट्री का अनावरण किया। नोएडा के डीएस मुख्यालय स्थित लिक्विड ट्री नामक इंस्टालेशन जलवायु परिवर्तन और शहरी वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में अहम साबित होगा। इसमें घनाकार संरचना के अंदर 1600 लीटर माइक्रोएल्गी का घोल होता है जो 6 परिपक्व पेड़ों के बराबर कार्बन डाई ऑक्साइड अवशोषित करता है। यह संरचना न केवल प्रकृति, प्रौद्योगिकी और कला के मिश्रण का प्रतिनिधित्व करती है बल्कि यह एक स्थायी वातावरण बनाने में सूक्ष्म शैवाल की उल्लेखनीय क्षमता को भी दर्शाती है।
क्या है लिक्विड ट्री?
लिक्विड ट्री, एक शहरी फोटो-बायोरिएक्टर है, जिसेसूक्ष्म शैवाल की उपस्थिति के कारण लिक्विड ट्री कहा जाता है। सूक्ष्म शैवाल प्रकाश संश्लेषक सूक्ष्मजीव हैं जो तेजी से बढ़ते हैं और हवा से सूक्ष्म कण हटाने, कार्बन डाइऑक्साइड अलग करने और ऑक्सीजन बनाने जैसे कई लाभ प्रदान करते हैं। जहां एक एक पारंपरिक पेड़ को परिपक्व होने में कई साल लग सकते हैं, वहीं माइक्रोएल्गी को कुछ ही हफ्तों में तैयार किया जा सकता है। इससे वे उन शहरों के लिए एक व्यवहारिक विकल्प बन जाते हैं जहां प्रदूषण एक गंभीर मसला है।
इसकी घोषणा करते हुए, डीएस ग्रुप के वाइस चेयरमैन, श्री राजीव कुमार ने कहा, “लिक्विड ट्री की स्थापना पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हम जलवायु परिवर्तन और वायु गुणवत्ता की दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यह हमारे लिए तेजी से जरूरी हो गया है।” उन्होंने कहा ‘डीएस ग्रुप में, हम समर्पित हैं वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए स्वस्थ भारत में योगदान देने वाली पहलों का समर्थन करने के लिए।”
लिक्विड ट्रीज़ इंडिया के प्रवक्ता और प्रमुख अभिनव पलापर्थी ने कहा, “पेड़ अविश्वसनीय हैं, और हमारा लक्ष्य दुनिया को सबसे पुराने ‘पेड़ों’ के बारे में शिक्षित करना है, जो कि माइक्रोएल्गी हैं। इन्होंने ही पृथ्वी पर सबसे पहले ऑक्सीजन उत्पादन का नेतृत्व किया था। डीएस मुख्यालय स्थित लिक्विड ट्री भारत में पहला है।”