फरवरी में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर छह महीने के निचले स्तर 2.9 प्रतिशत पर, आंकड़े जारी किए गए

भारत की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि फरवरी 2025 में घटकर छह महीने के निचले स्तर 2.9 प्रतिशत पर आ गई। इसका मुख्य कारण विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों का खराब प्रदर्शन है। सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में इसकी पुष्टि की गई है। सरकार ने जनवरी 2025 के लिए औद्योगिक विकास दर के आंकड़े को भी संशोधित कर 5.2 प्रतिशत कर दिया है, जो मार्च में जारी 5 प्रतिशत के अनंतिम अनुमान से अधिक है।
कारखाना उत्पादन फरवरी 2024 में 5.6 प्रतिशत बढ़ा
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापा गया कारखाना उत्पादन फरवरी 2024 में 5.6 प्रतिशत बढ़ा। इससे पहले सबसे कम वृद्धि दर पिछले वर्ष अगस्त में दर्ज की गई थी, जब वृद्धि दर शून्य प्रतिशत पर स्थिर रही थी।
एनएसओ ने जारी किए आंकड़े
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि फरवरी 2025 में धीमी होकर 2.9 प्रतिशत रह गई। एक साल पहले इसी महीने में यह 4.9 प्रतिशत थी। खनन उत्पादन की वृद्धि दर एक वर्ष पूर्व के 8.1 प्रतिशत से घटकर 1.6 प्रतिशत रह गई।
बिजली उत्पादन की वृद्धि दर भी फरवरी 2025 में घटकर 3.6% रह गई
बिजली उत्पादन की वृद्धि दर भी फरवरी 2025 में घटकर 3.6 प्रतिशत रह गई, जो एक वर्ष पूर्व इसी माह में 7.6 प्रतिशत थी। अप्रैल-फरवरी की अवधि में आईआईपी में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में दर्ज 6 प्रतिशत से कम है।