इंफोसिस का कैंपस हायरिंग पर ब्रेक, ग्लोबल बाजार को देखते हुए कंपनी का फैसला
आईटी दिग्गज इंफोसिस ने फिलहाल कैंपस हायरिंग पर ब्रेक लगा दिया है। कंपनी का यह फैसला फ्रेशर के लिए झटका है जो अपने कॉलेज में कैंपस हायरिंग के लिए इंफोसिस का इंतजार करते हैं।
कंपनी का कहना है कि उसके पास अभी पर्याप्त कर्मचारियों की संख्या है। और बाजार के माहौल को देखते हुए उसने अभी कैंपस हायरिंग नहीं करने का फैसला किया है। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है।
आईटी कंपनियां बड़ी संख्या में करती हैं कैंपस हायरिंग
आईटी कंपनियां इंजीनियरिंग ग्रैजुएट को हर साल लाखों की संख्या में भर्ती करती हैं। हर साल भारत में करीब 15 लाख इंजीनियरिंग ग्रैजुएट निकलते हैं। इनमें से 20-25 फीसदी नियुक्तियां आईटी कंपनियां करती हैं। लेकिन कंपनियां अब अमेरिका में मंदी की आशंकाओं के बीच नए लोगों को काम पर रखने में कटौती करने की योजना बना रही हैं। इसका ही असर इंफोसिस के फैसे पर दिख रहा है। बिजनेस टुडे के अनुसार इंफोसिस के दूसरी तिमाही के नतीजों को घोषित करते हुए कंपनी के सीएफओ नीलांजन रॉय ने कहा कि कंपनी अभी नए कैंपस हायरिंग पर विचार नहीं कर रही है। लेकिन वह इसकी हर तिमाही पर समीक्षा करेगी।
इंफोसिस को 6021 करोड़ा का मुनाफा
कंपनी का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 3.2% बढ़कर 6021 करोड़ रु पर पहुंच गया है।आईटी कंपनी ने 18 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के डिविडेंड का भी ऐलान किया है। तिमाही आधार पर यानी अप्रैल-जून तिमाही के मुकाबले कंपनी ने जुलाई-सितंबर में शुद्ध लाभ में 4.5% और रेवेन्यू में 2.8% की वृद्धि दर्ज की। पिछले तिमाही परिणाम (Q1 FY2023-24) में, कंपनी ने अपने शुद्ध लाभ में साल-दर-साल आधार पर 10.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की थी। तब इसका प्रॉफिट 5,945 करोड़ रुपये रहा था।अप्रैल-जून 2023 के दौरान इसकी इनकम 10 प्रतिशत बढ़कर 37,933 करोड़ रुपये हो गई थी, जो एक साल पहले की अवधि में 34,470 करोड़ रुपये थी।