सरकारी बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7.40 फीसदी तक ब्याज; RBI ने जमा दिक्कतों से निपटने की सलाह
भारतीय रिजर्व बैंक के लंबे समय से रेपो दर को स्थिर रखने के बावजूद सरकारी बैंकों ने हाल के समय में फिक्स्ड डिपॉजिट पर कई बार ब्याज बढ़ा दिया है। अब अधिकतम दर बढ़कर 7.40 फीसदी तक पहुंच गई है।
प्रमुख बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा 399 दिन के जमा पर 7.25 फीसदी ब्याज दे रहा है। बैंक ऑफ इंडिया 666 दिन के जमा पर 7.30 फीसदी, बैंक ऑफ महाराष्ट्र 777 दिन के जमा पर 7.25 फीसदी और केनरा बैंक 444 दिन के जमा पर 7.25 फीसदी ब्याज दे रहा है। सेंट्रल बैंक 444 दिन के जमा पर 7.30 फीसदी, इंडियन बैंक 444 दिन और पंजाब नेशनल बैंक 444 दिन के जमा पर 7.25 -7.25 फीसदी ब्याज दे रहे हैं। यूनियन बैंक 333 दिन के जमा पर सर्वाधिक 7.40 फीसदी ब्याज दे रहा है। पिछले दो महीने में ज्यादातार सरकारी बैंकों ने एफडी और कर्ज दोनों को महंगा कर दिया है।
दरअसल, बैंकों की कर्ज की दर में जमा से ज्यादा वृद्धि हो रही है। इसलिए बैंकों के पास फंड की कमी हो रही है। हाल में कर्ज की वृद्धि दर 16 फीसदी और जमा की वृद्धि दर 10 फीसदी रही है। बृहस्पतिवार को आरबीआई ने भी बैंकों को जमा की दिक्कत से निपटने के लिए सलाह दी।
केनरा बैंक का कर्ज हुआ 0.05 फीसदी महंगा
केनरा बैंक ने सभी अवधि के कर्ज को 0.05 फीसदी महंगा कर दिया है। इससे होम लोन, कंज्यूमर लोन सहित सभी तरह के कर्ज पर ज्यादा ब्याज देना होगा। एक साल के कर्ज की दर अब 9 फीसदी होगी। तीन साल की 9.40 फीसदी और दो साल की दर 9.30 फीसदी होगी। एक माह, तीन माह व छह महीने की दर 8.35 से 8.80 फीसदी के बीच होगी। नई दरें 12 अगस्त से लागू होंगी।