क्या विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा पर मंडरा रहा संकट? दावा- शरद पवार के संपर्क में कई BJP नेता
मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा को घरेलू मोर्चे पर जूझना पड़ रहा है। महायुति में अजित पवार को शामिल करने से यह परेशानी बढ़ी है। भाजपा के कई स्थापित नेता एनसीपी (एसपी) सुप्रीमो शरद पवार के संपर्क में है और विधानसभा चुनाव में तुरही (एनसीपी, एसपी का चुनाव चिन्ह) की तैयारी में जुटे हैं। इससे उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की टेंशन बढ़ गई है।
सत्ताधारी गठबंधन महायुति के कारण करीब एक दर्जन सीटों पर भाजपा के नेता पशोपेश में हैं। वे चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, लेकिन तीन दलों के बीच सीटों के बंटवारे में जिनका पत्ता कट सकता है। ऐसे लोग महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं के संपर्क में हैं। इसकी शुरुआत कोल्हापुर से हो सकती है, जहां उपमुख्यमंत्री फडणवीस के बेहद करीबी भाजपा नेता समरजीत घाटगे पाटिल जल्द ही शरद पवार खेमें में जा सकते हैं। वे कागल सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
कागल में एनसीपी विधायक हसन मुश्रीफ और समरजीत घाटगे अरसे से एक-दूसरे के कट्टर विरोधी हैं। महायुति में होने के कारण इस सीट पर मंत्री हसन मुश्रीफ की उम्मीदवारी पक्की मानी जा रही है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुश्रीफ की उम्मीदवारी पहले ही घोषित कर दी हैं। इससे स्थानीय भाजपा नेता नाराज हैं।
सूत्रों का कहना है कि घाटगे पाटिल एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के संपर्क में हैं। उन्होंने 23 अगस्त को शाहू सहकारी चीनी मिल में अपने समर्थकों का सम्मेलन बुलाया है जिसमें वह नई राजनीतिक पारी खेलने का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि, उपमुख्यमंत्री फडणवीस और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने उन्हें मनाने की कोशिश शुरू की है। वहीं, कोल्हापुर ग्रामीण के भाजपा अध्यक्ष राहुल देसाई ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। देसाई राधानगरी भुदरगड विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। इस सीट से प्रकाश आबिटकर शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक हैं और उनकी दावेदारी अधिक मजबूत है।