24 साल की उम्र में सिविल जज बनी थीं ज्योत्सना… 29 में मौत, हर कोई स्तब्ध
बदायूं में शनिवार सुबह सिविल बार के नजदीक सरकारी आवास में सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय (29) का शव फंदे से लटका मिला। कर्मचारी सुबह काम करने आवास पर पहुंचे। उन्होंने दरवाजा खटखटाया। उन्हें कई बार कॉल भी की लेकिन कोई जवाब नहीं आया। कर्मचारियों ने इसकी सूचना पर आसपास रह रहे जज और कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस ने उनके आवास का दरवाजा तोड़ा और उनके परिवार वालों को सूचना दी। शाम करीब साढ़े पांच बजे उनके माता-पिता मौके पर पहुंचे। पुलिस के अनुसार, उनके कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है।
सिविल जज, जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय 29 अप्रैल 2023 को अयोध्या से ट्रांसफर होकर बदायूं आई थीं। वह महज 24 साल की उम्र में सिविल जज बनी थीं और उनकी पहली पोस्टिंग 15 नवंबर 2019 को अयोध्या में हुई थी। ज्योत्सना राय मूलरूप से मऊ जिले की रहने वाली थीं। उनके पिता अशोक कुमार राय 31 जुलाई 2023 को अपर निदेशक अभियोजन के पद से बरेली से सेवानिवृत्त हुए थे। तब से वह लखनऊ में रह रहे हैं।
पहली मंजिल पर रहती थीं ज्योत्सना
ज्योत्सना सिविल बार परिसर के नजदीक बने न्यायाधीश आवास नंबर चार में पहली मंजिल पर रह रही थीं। शनिवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे कर्मचारी भूपराम उनके आवास पर पहुंचा था। वह दरवाजा खुलवाने की कोशिश कर रहा था। तभी खाना बनाने वाली सुशीला और सफाई करने वाली ममता उनके आवास पर पहुंच गई। वह लोग दरवाजा खुलवाने की काफी कोशिश करते रहे। दरवाजा अंदर से बंद था।
उन्होंने कई बार दरवाजा खटखटाया और उनके मोबाइल नंबर पर कॉल भी की। इसी दौरान कर्मचारी अनीता भी उनके आवास पर पहुंची। कोई आहट न होने पर उन्होंने नजदीक में रह रहे दूसरे जजों को सूचना दी। इसके बाद सुरक्षा में लगे
गार्डों को बुलाया गया। सूचना पर कोतवाली पुलिस भी पहुंच गई और बाहर से दरवाजा तोड़ा गया। जहां एक कमरे में उनका शव पंखे पर रस्सी के फंदे से लटका मिला।
कमरे से मिला सुसाइड नोट
पुलिस का कहना है कि उनके आवास से एक सुसाइड नोट मिला है। इससे हालात आत्महत्या की ओर इशारा कर रहे हैं। इसकी सूचना पर जिला जज पंकज अग्रवाल, डीएम मनोज कुमार, एसएसपी आलोक प्रियदर्शी समेत कई अधिकारी और जज पहुंच गए। शाम करीब साढ़े पांच बजे ज्योत्सना के पिता अशोक कुमार राय अपनी पत्नी के साथ आवास पहुंचे। देर शाम तक उनके भाई और परिवार के अन्य लोगों का इंतजार होता रहा लेकिन तब तक महिला जज का शव पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा।
एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि सुबह करीब 10 बजे पुलिस को सूचना मिली कि जज ज्योत्सना राय अपने आवास का अंदर से दरवाजा नहीं खोल रही हैं और न ही वह न्यायलय पहुंचीं हैं। उनके अधिकारियों ने उन्हें कई बार कॉल भी की। इसकी सूचना पर पहुंची पुलिस ने धक्का देकर दरवाजा खोला था। अंदर बेडरूम के बराबर वाले कमरे में उनका शव पंखे पर फंदे से लटका हुआ था। उनके कमरे से कुछ अभिलेख मिले हैं। सभी तथ्यों पर जांच की जा रही है। इसमें जो सच्चाई होगी। उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।