‘कर्नाटक का हक कभी नहीं मारा, 10 साल में दो लाख करोड़ रुपये दिए’, केंद्रीय वित्त मंत्री का दावा
बंगलूरू: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने कर्नाटक का हक कभी नहीं मारा। केंद्र सरकार को लेकर कर्नाटक सरकार काफी गलत जानकारी लोगों को दे रही है। हमने 10 साल में कर्नाटक के विकास के लिए दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा दिए हैं। जबकि यूपीए सरकार ने केवल 81 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया था।
बंगलूरू में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कर्नाटक को केंद्र सरकार ने काफी बजट दिया है। लेकिन कर्नाटक सरकार लोगों को गलत जानकारी दे रही है। लोगों से कहा जाता है कि कर्नाटक का हक मारा जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती। मैं जवाब देना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार जो कर रही है, उससे किसी का भला नहीं हो रहा है। न तो केंद्र सरकार का और न ही कर्नाटक के लोगों का।
वित्त मंत्री ने कहा कि कर्नाटक को 2004 से 2014 के बीच जब दिल्ली में यूपीए सरकार थी तब दस वर्षों में केवल 81,791 करोड़ रुपये मिले। जबकि 2014 से 24 के बीच पीएम मोदी की सरकार में दस वर्षों के दौरान कर्नाटक को 2,95,818 रुपये मिले। वहीं यूपीए ने महज 60,779 करोड़ रुपये सहायता अनुदान दिया। वहीं पीएम मोदी सरकार ने दस वर्षों में 2,39,955 करोड़ रुपये अनुदान दिया।
उन्होंने कहा कि बजट में मैनें इंप्लॉयमेंट शब्द का इस्तेमाल किया है। इसके हर अक्षर का मतलब है। ई का मतलब है इंप्लॉयमेंट, एम का मतलब है मध्यम वर्ग, इसी तरह हर अक्षर का कुछ न कुछ अर्थ है। इस बार के बजट में सब कुछ शामिल है। बजट में हमने युवाओं और एमएसएमई पर बहुत जोर दिया है। एमएसएमई को काफी सहूलियतें मिलेंगीं। हम उच्चशिक्षा के लिए दस लाख सब्सिडीयुक्त या ब्याज-सहायता वाले ऋण भी दे रहे हैं। इससे मध्यमवर्गीय परिवार और भारत में पढ़ने वाले युवाओं को सीधा लाभ होगा।