‘शायद क्रिसमस की शुभकामनाएं देने के लिए बुलाया’, ईडी के सामने पेश होने से पहले कार्ति चिदंबरम
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम शनिवार को पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। इससे पहले, ईडी कार्यालय के बाहर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ईडी का मुझे बुलाना कोई नई बात नहीं है। यह रोजाना का हो गया है। वही पुराने सवाल-जवाव होते हैं। अभी क्रिसमस का समय है। सिर्फ शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए बुलाया गया होगा।
यह मेरा 20वां दिन
कार्ति ने कहा, ‘ईडी में यह मेरा 20वां दिन है। यह एक नियमित मामला बनता जा रहा है। वे वही बातें पूछते हैं और मैं वही जवाब देता हूं। यह एक निष्क्रिय और बंद मामला है। सीबीआई इस मामले को बंद कर चुकी है, लेकिन वे इसे फिर से खोलना चाहते हैं और मुझसे कुछ पूछना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मेरे वकील पहले ही बड़े पैमाने पर जवाब दे चुके हैं। उन्हें 100 पन्नों का जवाब दे चुके हैं। मैं वही दोहराऊंगा। यह क्रिसमस का समय है। इसलिए शायद उन्होंने मुझे याद किया है और मुझे फिर से बुलाया है। क्रिसमस की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए बुलाया गया हैं।’
चिदंबरम ने कहा, ‘मैं उन्हें क्रिसमस की बधाई देने आया था। रणनीति क्या है? जैसा कि मैंने आपको बताया, मेरे खिलाफ मामलों की तीन श्रेणियां हैं। पहली श्रेणी को फर्जी कहा जाता है। दूसरी श्रेणी को अधिक फर्जी कहा जाता है और तीसरी श्रेणी को सबसे अधिक फर्जी कहा जाता है। यह सबसे फर्जी मामला है। मुझे नहीं पता कि इस मामले के पीछे कौन है। यह कोई चीनी भूत होना चाहिए।’
क्या है पूरा मामला?
सीबीआई के आरोपों के अनुसार, बिजली परियोजना स्थापित करने का काम एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था और यह निर्धारित समय से पीछे चल रहा था। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार टीएसपीएल के एक अधिकारी ने 263 चीनी कामगारों के लिए परियोजना वीजा फिर से जारी करने की मांग की थी, जिसके लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये का आदान-प्रदान किया गया था।
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि टीएसपीएल के तत्कालीन एसोसिएट उपाध्यक्ष विकास मखारिया ने मानसा स्थित बिजली संयंत्र में काम करने वाले चीनी श्रमिकों के लिए परियोजना वीजा फिर से जारी करने के लिए भास्कररमन से संपर्क किया था। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि मखारिया ने अपने करीबी सहयोगी भास्कररमन के जरिए कार्ति से संपर्क किया।