केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद बोले- आत्मा और शरीर के बीच के संबंध को बताती है गीता; बताया सार
शाहजहांपुर: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत में आदिकाल से ही प्रज्ञा और ज्ञान के संवर्धन को संरक्षण मिलता रहेगा। उन्होंने भगवद् गीता के सार पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आत्मा और शरीर के बीच के बुनियादी संबंध का जवाब गीता में मिलता है। आरिफ मोहम्मद शाहजहांपुर के विनोबा सेवा आश्रम में बुधवार गीता जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि विनोबा सेवा आश्रम महात्मा गांधी और विनोबा भावे के विचारों को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि समाज सेवा इस तरह से होनी चाहिए जैसे कि बादल बगैर खुद के फायदे की इच्छा के एक से दूसरे स्थान पर जाकर बारिश कर लोगों को लाभान्वित करता है। जिस प्रकार हर व्यक्ति की कोई न कोई खासियत होती है, उसी तरह हर राष्ट्र में विशेष गुण होते हैं।
उन्होंने कहा कि इस्लाम के पैगंबर ने भी कहा था कि मैं भारत से ज्ञान के शीतल झोंके आते हुए महसूस कर रहा हूं। अल्लामा इकबाल ने भी यही बात दोहराई थी। उन्होंने गीता पर चर्चा करते हुए कहा कि इस ग्रंथ में मैं कौन हूं, इसका जवाब दिया गया है। उन्होंने कहा कि गीता हमें व्यावहारिक जीवन और एक इंसान के पारमार्थिक रूप के बारे में बताती है।
रामायण का किया जिक्र
बाल्मीकि रामायण में लिखा है कि जब भगवान राम अगली सुबह वनवास में जाने वाले थे तो लक्ष्मण अपने पिता के लिए खराब शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। इस पर श्रीराम उनसे कहते हैं कि तुम्हारा गुस्सा केवल इसलिए है क्योंकि तुम्हारे शरीर को जंगल में कष्ट पहुंचने वाला है। तुम जब आत्मा के स्वरूप को जान जाओगे तो उस समय न कोई कष्ट रहेगा और न ही जरूरत से ज्यादा आनंद में रहोगे। आत्मा और शरीर के बीच संबंध के बुनियादी प्रश्न का जवाब गीता में है।